अगर भगवान् हमारा भाग्य लिखते तो वो सबसे बढ़िया भाग्य होता। हमारा भाग्य हमारे कर्म, हमारी मुक्त इच्छा द्वारा निर्मित होता है। भगवान् की इच्छा से नहीं। BK SHIVANI