घर जमाई: आज से मैं रोटी नहीं चावल खाऊंगा। सास: ऐसा क्यों? घर जमाई: मोहल्ले वालों के ताने सुनकर थक गया हूं , रोज कहते हैं कि मैं ससुराल वालों की रोटी तोड़ता हूं ।