धरती पर बारिश की बुँदे बरसे, आप के ऊपर अपनों का प्यार बरसे। “गणेशजी” से बस यही दुआ हैं।। आप ख़ुशी के लिए नहीं, ख़ुशी आप के लिए तरसे।।