हर व्यक्ति को यह ज्ञान होना चाहिए, कि आत्मा एक राज़ा के समान होती है, जो शरीर इन्द्रियों मन बुद्धि, से बिल्कुल अलग होती है, आत्मा इन सबका साक्षी स्वरुप है | Adi Shankaracharya