मोह से भरा हुआ इंसान एक सपने कि तरह हैं, यह तब तक ही सच लगता है, जब तक वह अज्ञान की नींद में सो रहे होते है, जब उनकी नींद खुलती है, तो इसकी कोई सत्ता नही रह जाती है | Adi Shankaracharya