एक क्षण में

एक क्षण में

मनुष्य सुबह से शाम तक काम करके ,
उतना नही थकता है ,
जितना क्रोध और चिंता से एक क्षण में,
ही थक जाता है I

BK SHIVANI'

इन्सान

इन्सान

क्रोध और गुस्सा इन्सान को,
तभी आता है जब वह अपने आपको,
कमजोर और हारा हुआ मान लेता है I

BK SHIVANI