संगत का विशेष ध्यान रखे , क्योंकि सफलता हमेशा अच्छे विचारो से आती है और अच्छे विचार अच्छे लोगो के संपर्क से आते है |
वक्त निकल जाने के बाद क़द्र की जाए तो कद्र नहीं अफ़सोस कहलाता है |
कोई विचार नहीं ,कोई बात नहीं , कोई विकल्प नहीं शांत रहो , अपने आप से जुडो |
कर्मो का गणित बड़ा सीधा और सरल है , कर भला हो भला और कर बुरा हो बुरा |
आपके साथ कितना भी छल क्यों ना हुआ हो ,परन्तु परमात्मा का आशीर्वाद आपसे कोई छीन नहीं सकता |
माफ़ करना सीखिए क्योंकि हम भी ईश्वर से यही उम्मीद रखते है |
जिस दिन हमारा मन परमात्मा को याद करने और उसमे दिलचस्पी लेना शुरूं कर देगा | उस दिन हमारी परेशानियां हम में दिलचस्पी लेना बंद कर देगी |
यदि हर कार्य यह समझ कर किया जाए की भगवान मेरा साथी है ,तो असम्भव कार्य भी सम्भव हो जाएगा |
हमेशा दुसरो की मदद के लिए तैयार रहिये , क्या पता आपकी छोटी सी मदद से किसी की जिंदगी संवर जाए |
सम्पति के उत्तराधिकारी अनेक लोग हो सकते है ,लेकिन अपने कर्मो के उत्तराधिकारी केवल हम स्वयं ही होते है |
सब कुछ छोड़ देना लेकिन मुस्कुराना और उम्मीद मत छोड़ना |
मुँह से माफ़ करने में किसी को वक़्त नहीं लगता पर दिल से माफ़ करने में सारी उम्र बीत जाती है |
हम शिकायत बहुत ज्यादा करते है , इसलिए हमे शुक्रिया करना चाहिए शुक्रिया करने से हमारी शक्ति बढ़ती जाती है |
हमेशा ऐसे व्यक्ति के हाथों से बना खाना खाना चाहिए जो बिना चिंता या डर या किसी गुस्से के खाना बनाते हो वर्ना उनके vibration उनके विचार आपके अंदर आ जायेंगे |
में आत्मा शक्तिशाली हूँ कोई मशीन नहीं , जो कोई भी आये ,और बटन दबाये, की कभी गुस्सा हो जाऊँ कभी परेशान हो जाऊं | मन को शांत करने का एक ही तरीका है No Reply . मुख से भी और मन से भी |
लोग कहते है की पैसा रखो, बुरे वक़्त में काम आएगा | में कहती हूँ ईश्वर पर यकीन रखो , बुरा वक़्त ही नहीं आएगा |
नेत्र केवल दृष्टि प्रदान करते है , हम कहाँ और क्या देखते है , यह हमारे मन की भावना पर निर्भर है |
जिंदगी तब बेहतर होती है , जब आप खुश होते है। ...... पर जिंदगी तब बेहतरीन होती है, जब आपकी वजह से कोई और खुश होता है |
ईर्ष्या इंसान को ऐसा नष्ट कर देती है जैसे कीट कपडे को | इसलिए ईर्ष्या द्वारा स्वयं को नष्ट न होने दे |
हवाये अगर मौसम के रुख को बदल सकती है तो दुआएँ भी मुसीबत के पलो का रुख बदल देती है।
वह अपने अनुसार होंगे और हम अपने, एक दूसरे की भिन्नता को स्वीकार कर ले तो खुश रहना सहज और स्वाभाविक हो जायेगा |
वह हमारे साथ गलत कर रहे है , हम तो अपने साथ सही कर ले | Bk Shivani
मन वही सोचे जो मुझे सुख दे , मुख वही बोले जो दुसरो को सम्मान दे ,हाथ वही कर्म करे, जो सृष्टि को सुंदर बनाये |
स्वच्छ मन अभियान अपनी अंदर की दुनियां को स्वच्छ रखे , अंदर की दुनियां से ही बाहर की दुनिया बनती है |
शिकायत करना आसान है , लेकिन शुक्राना करना और भी आसान है |
ना किसी के अभाव में जियो , ना किसी के प्रभाव में जियो जिंदगी आपकी है , बस अपने मस्त स्वभाव में जियों |
मैंने मेरी Under graduation and Post graduation Electronics Engineering से Savitribai Phule Pune University से की थी |
अगर आपको सफल होना है, तो खुद को समय देना जरुरी है |
सदा आशा और विश्वास के आधार पर विजयी बनो |
कभी भी क्रोध से बात नहीं करनी चाहिए जितना हो, सके प्यार से कार्य करो |
तुम्हारे लिए सबसे बड़ी जीत पता है कब होगी। ........ जब तुम उसे ख़ामोशी से माफ़ कर दो। ... जिसने तुम्हे सबसे ज्यादा तकलीफ दी हो |
शिव बाबा के बनने से आपके जीवन में कौन सी विशेष मदद मिली ,प्राप्ति हुई ? कौन सी बिगड़ी बात बनी ?
जो होता है अच्छे के लिए होता है, भले ही अभी बुरा लगे , लेकिन बाद में पता चलेगा की , यह अच्छे के लिए हुआ |
तारीफ़ चरित्र की होनी चाहिए , चित्रों की नहीं , क्योंकि चित्र बनाने में कुछ समय लगता है ,चरित्र बनाने में पूरी जिंदगी |
अगर आप गुलाब की तरह खिलना चाहते हो तो , आपको काँटों के साथ तालमेल बैठाना सीखना होगा |
शांत स्वरुप में रहने से ही कर्म में कुशलता , और व्यवहार में शुद्धता का जन्म होता है |
जो बीत गया उसे भूल जाइये | और अपना काम करते जाइये | घडी की तरह हमेशा चलना सीखिए |
धैर्य इंसान को मजबूत बनाता है , लेकिन धैर्य के साथ ही हमारा रवैया भी सकारात्मक होना चाहिए , तभी ये मायने रखता है |
खुश रहने का सबसे आसान तरीका है , दुसरो के साथ ख़ुशी के पल साझा करना और दूसरे की ख़ुशी में ख़ुशी महसूस करना |
अंतर्मन में संघर्ष और फिर भी मुस्कुराता हुआ, चेहरा ,यही जीवन का श्रेष्ठ अभिनय है |
यदि कोई व्यक्ति आप पर गुस्सा करे तो, आप को उससे नाराज़ नहीं होना चाहिए, बल्कि उसे अन्दर से बीमार जानकार उसके, प्रति सहानुभूति दिखानी चाहिए जिससे की, वो जल्द से जल्द ठीक हो सके |
सुबह जागते ही इन चारो का आभार व्यक्त करो - १. परमात्मा का | २. अपने मन और शरीर का | ३.प्रकति का | ४.लोगो का |
किसी की भी कमजोरी का चिंतन करना अर्थात उस कमजोरी का अपने जीवन में आवाह्न करना | हमारी सोच हमारे व्यक्तित्व का निर्माण करती है | इसलिए सोचने से पहले सोचिये |
संकल्प का बल ऊँचे से ऊँचा तब होगा ,जब संकल्प का विषय ऊँचे से ऊँचा होगा |
आदर्श व्यक्ति वह जो सबका आदर करे | सबको सम्मान दे , तो सम्मान मिलेगा |
जिस दिन मन हारने लगे , उस दिन बस एक बात सोचना की शुरू क्यों किया था |
अच्छा बनने का प्रयास करना है अच्छा कहलवाने का नहीं | हम तो अच्छा कहलवाने में, सारी एनर्जी बेकार कर देते है|
पूर्ण ज्ञान और आलस्य मुक्त कर्म करने से,सफलता के सभी मार्ग खुल जाते है |
बड़ा काम वो होता है, जो आपको छोटा न रहने दे |
हमारे कष्ट ही प्रमाण है , हमारे भर्मित होने का |