who feels humble and meek has the door for the Kingdom of god opened for him or her. Srila Prabhupada
Devotees ,they are para-duhkha-duhkhi. the symptom of a devotee is they are unhappy by seeing others unhappy. Srila Prabhupada
I know you feel my absence, just as I feel the absence of you. But in the meantime, this must be so, and Krishna will provide for you as long as you keep chanting Hare Krishna. Srila Prabhupada
Depend on Krishna, because after all, it's the ultimate in all situations. It's not the doctor, or the medicine, or the place ,but it's ultimately Krishna who's the master to do everything. Srila Prabhupada
All is controlled by God, but the devotee is so exalted that Krishna says, "I want to be controlled by you." That is Krishna's position. Srila Prabhupada
Unfortunately, we're not testing our heart about how much love we have for a person until he's dead. Srila Prabhupada
If one does not practice remembering Krishna when one is struggling for existence, so at the time of death, one will not be able to remember Krishna. Srila Prabhupada
जब मन और वाणी एक होकर कोई, चीज मांगते हैं, तब उस प्रार्थना का फल अवश्य मिलता है। Swami Paramhans
भगवान निराकार है और साकार भी, फिर भी इन दोनों अवस्थाओं से परे जो है, वह भी है केवल वे ही खुद जानते हैं, कि वह क्या है | Swami Paramhans
धैर्य दर्द से भरा है किंतु उसका, फल मधुर होता है। Swami Paramhans
धर्म उस आग की जो प्रत्येक मनुष्य के, अंदर जलती है ज्वाला को प्रज्वलित, करने में सहायता करता है। Sarvepalli Radhakrishnan
धर्म की शक्ति अनेक जीवन की शक्ति है, धर्म की दृष्टि ही जीवन की दृष्टि है। Sarvepalli Radhakrishnan
आध्यात्मक जीवन भारत, की प्रतिभा है | Sarvepalli Radhakrishnan
यदि मानव दानव बन जाता है, तो ये उसकी हार है, यदि मानव महामानव बन जाता है, तो ये चमत्कार है, यदि मनुष्य मानव बन जाता है, तो ये उसके जीत है | Sarvepalli Radhakrishnan
कहते हैं कि धर्म के बिना, इंसान लगाम के बिना घोड़े, की तरह है | Sarvepalli Radhakrishnan
कवि के धर्म में किसी निश्चित, सिद्धांत के लिए कोई जगह नहीं है | Sarvepalli Radhakrishnan
किताब पढना हमें एकांत में, विचार करने की आदत, और सच्ची ख़ुशी देता है | Sarvepalli Radhakrishnan
हमें मानवता को उन नैतिक, जड़ों तक वापस ले जाना चाहिए, जहाँ से अनुशाशन और स्वतंत्रता, दोनों का उद्गम हो | Sarvepalli Radhakrishnan
कला मानवीय आत्मा की, गहरी परतों को उजागर करती है, कला तभी संभव है, जब स्वर्ग धरती को छुए | Sarvepalli Radhakrishnan
पुस्तकें वो साधन हैं, जिनके माध्यम से, हम विभिन्न संस्कृतियों, के बीच पुल का निर्माण, कर सकते हैं | Sarvepalli Radhakrishnan
केवल निर्मल मन वाला व्यक्ति ही जीवन, के आध्यात्मिक अर्थ को समझ सकता है, स्वयं के साथ ईमानदारी आध्यात्मिक, अखंडता की अनिवार्यता है | Sarvepalli Radhakrishnan
भगवान् की पूजा नहीं होती, बल्कि उन लोगों की पूजा होती है, जो उनके के नाम पर बोलने का दावा करते हैं, पाप पवित्रता का उल्लंघन नहीं, ऐसे लोगों की आज्ञा का उल्लंघन बन जाता है | Sarvepalli Radhakrishnan
विश्वास और ईमानदारी से , भगवान बहुत निकट है ; लेकिन वह पाखंडी से बहुत दूर है। Swami Paramhans
जब तक हमारे मन में इच्छा रहेगी, तब तक हमें ईश्वर की , प्राप्ति नही हो सकती। Swami Paramhans
मैं सभी चीजों में भगवान राम को देखता हूं। आप सभी यहां बैठे हैं, लेकिन मैं आप सभी में केवल राम को देखता हूं। Swami Paramhans
जब तक ईश्वर की दी हुई , शक्तियों का सदुपयोग , नहीं करोगे तो , वह अधिक नहीं देगा। ईश्वर कृपा पाने के लिए भी , पुरुषार्थ आवश्यक है। Swami Paramhans
जब तक कोई व्यक्ति सत्य , नहीं बोलता वो परमेश्वर को , नहीं पा सकता जो की , सत्य की आत्मा हैं। Swami Paramhans
यह संसार कर्मक्षेत्र है , और मानव का जन्म कर्म करने, हेतु हुआ है। Swami Paramhans
आध्यात्मिक ज्ञान प्राप्त कर लेने से , काम और लोभ का विष नहीं चढ़ता। Swami Paramhans
सत्य के द्वारा ही ईश्वर को , महसूस किया जा सकता है। Swami Paramhans
शरीर, वास्तव में, केवल एक , क्षणिक अस्तित्व है। अब शरीर मौजूद है , और अब यह नहीं है। एकमात्र भगवान ही असली हैं। Swami Paramhans
दुनिया वास्तव में सच्चाई और , विश्वास का मिश्रण है। विश्वास को त्यागें और , सत्य को ग्रहण करें। Swami Paramhans
जब तक यह जीवन है , हमें सदा सीखते रहना चाहियें। Swami Paramhans
निस्वार्थ कार्य के माध्यम से , भगवान का प्यार आपके , ह्रदय में बढ़ता जाता है। Swami Paramhans
कर्म करो ,परन्तु कर्म में भक्ति का होना , अनिवार्य है। बिना भक्ति किया कर्म सार्थक नहीं हो सकता। Swami Paramhans
पागल रहो I भगवान के प्यार में पागल रहो I Swami Paramhans
सभी धर्म सत्य हैं। Swami Paramhans
हमेशा भगवान से प्रार्थना करते रहें कि , धन, नाम, और आराम जैसी , क्षणिक चीजों के प्रति आपका लगाव , हर दिन कम से कम होता जाये। Swami Paramhans
ईश्वर को सभी रास्तों से , महसूस किया जा सकता है। Swami Paramhans
सभी धर्म समान है। महत्वपूर्ण बात यह है कि, छत पर पहुंचने के लिए आप , पत्थर की सीढ़ियों से, लकड़ी की सीढ़ियों से, बांस की सीढ़ियों से , या रस्सी से पहुंच सकते हैं। आप बांस के खंभे से भी चढ़ सकते हैं। Swami Paramhans
जिस तरह गंदे शीशे पर सूर्य का प्रकाश , नहीं पड़ता , उसी तरह गंदे मन-विचार वाले , व्यक्ति पर ईश्वर के आशीर्वाद का , प्रकाश नहीं पड़ता। Swami Paramhans
भगवान की शरण लो। Swami Paramhans
एक सांसारिक व्यक्ति जो , पूरी ईमानदारी से , ईश्वर के प्रति समर्पित नहीं है , उसे अपने जीवन में ईश्वर से , भी कोई उम्मीद नहीं रखनी चाहिये। Swami Paramhans
प्रेम के माध्यम से त्याग , और विवेक की भावना , स्वाभाविक रूप से प्राप्त हो जाती है। Swami Paramhans
आप बिना गोता लगाये मणि प्राप्त नहीं कर सकते। भक्ति में डुबकी लगाकर और गहराई में , जाकर ही ईश्वर को प्राप्त किया जा सकता है। Swami Paramhans
फूल के खिलने से मधुमक्खियां , बिन बुलाए आ जाती हैं। Swami Paramhans
कस्तूरी मृग उस गंध के स्रोत को , खोजता रहता है, जबकि वो गंध स्वयं उसमें से आती हैं। Swami Paramhans
कर्म योग वास्तव में , एक परम रहस्य है I Shrimad Bhagwad Gita
मैं उन्हें ज्ञान देता हूँ , जो सदा मुझसे जुड़े रहते हैं , और जो मुझसे प्रेम करते हैं I Shrimad Bhagwad Gita
अप्राकृतिक कर्म बहुत , तनाव पैदा करता है I Shrimad Bhagwad Gita