स्नहे वह भाषा है जिसे बहरे भी सुन सकते है और गूंगे भी बोल सकते है | इसलिए सब पर स्नहे की वर्षा करे |
एक बार बोले गए शब्द वापस नहीं ले सकते। बोलने से पहले सोचें।
हर व्यक्ति अपनी वाणी के पीछे छुपा हुआ है।..... अगर उसे समझना है तो उसे बोलने दो | Bk Shivani