माता-पिता की जरूरत जितनी हमें बचपन में होती है, उतनी ही जरूरत उन्हें बुढ़ापे में हमारी होती है।
यदि हमारा पैर फिसल जाए तो हम संभल सकते हैं परंतु जुबान फिसल जाए यह गहरा घाव कर देती है।
जब हम दूसरों को नियंत्रित करने की कोशिश करते है , तो हम अपने आपकी शक्ति खो देते है | Bk Shivani
Man should try to become like a flower which remains very humble despite all its qualities. - A P J Abdul Kalam
who feels humble and meek has the door for the Kingdom of god opened for him or her. Srila Prabhupada
सफल आदमी बनने के बजाय, अच्छा आदमी बनने का सोचिये I Mark Zuckerberg
मनुष्य सुबह से शाम तक काम करके , उतना नही थकता है , जितना क्रोध और चिंता से एक क्षण में, ही थक जाता है I BK SHIVANI'
क्रोध और गुस्सा इन्सान को, तभी आता है जब वह अपने आपको, कमजोर और हारा हुआ मान लेता है I BK SHIVANI