Vichar

Vichar

लोग क्या कहेंगे
यह सोच कर
जीवन जीते है |
भगवान क्या कहेंगे ,
क्या कभी इसका
विचार किया ?

Kamyabi

Kamyabi

कभी भी हार ना मानो क्या
पता की आपकी अगली कोशिश
ही आपको क़ामयाबी की
ओर ले जाए |

Bk Shivani

धोखेबाज

धोखेबाज

'कुल्टा पत्नी धोखेबाज मित्र जवाब देने,
वाला नौकर और घर में सर्प रखने वाला,
व्यक्ति मृत्यु के साथ रहता है।

Chankya
'

मजबूर

मजबूर

किसी मजबूर इंसान का मजाक उड़ाने का,
ख्याल आए तो उसके स्थान पर,
स्वयं को रख कर देखो।

Chankya

शत्रु

शत्रु

संसार में न तो कोई शत्रु है नहीं कोई मित्र है,
उनके प्रति हमारे विचार मित्र और,
शत्रु का अंतर करते है।

Chankya

सुंदरता

सुंदरता

विवेकी को पाकर गुण सुंदरता को प्राप्त,
होते हैं सोने में जड़ा हुआ रत्न अत्यंत,
शोभित होता है।

Chankya

रोशनी

रोशनी

जैसे चंद्रमा चांडाल के घर भी रोशनी देता है,
वैसे ही सज्जन पुरुष गुण हीन प्राणियों,
पर भी दया करते हैं।

Chankya

परोपकार

परोपकार

जिनके हृदय में सदैव परोपकार की,
भावना रहती है उसकी आपदाएं,
समाप्त हो जाती हैं और पग-पग,
पर धन की प्राप्ति होती है | 

Chankya

आपातकाल

आपातकाल

कठिन काम पड़ने पर सेवक की,
संकट के समय भाई बंधु की,
आपातकाल में मित्र की और धन,
के नष्ट हो जाने पर स्त्री की,
परीक्षा होती है।

Chankya

धूर्त व्यक्ति

धूर्त व्यक्ति

धूर्त व्यक्ति अपने स्वार्थ के ,
लिए दूसरों की सेवा करते हैं।
Chanakya

एक अकेला पहिया

एक अकेला पहिया

एक अकेला पहिया ,
नहीं चला करता।
Chanakya

शत्रुता

शत्रुता

अपने से अधिक शक्तिशाली,
और समान बल वाले से ,
शत्रुता न करे।
Chanakya

कठोर वाणी

कठोर वाणी

कठोर वाणी अग्निदाह से भी ,
अधिक तीव्र दुःख पहुंचाती है।
Chanakya

भाग्य

भाग्य

भाग्य पुरुषार्थी के ,
पीछे चलता है।
Chanakya

चंचल चित वाले

चंचल चित वाले

चंचल चित वाले के ,
कार्य कभी समाप्त नहीं होते।
Chanakya

दुर्लभ कार्यों

दुर्लभ कार्यों

दोषहीन कार्यों का ,
होना दुर्लभ होता है।
Chanakya

सत्य

सत्य

सत्य भी यदि अनुचित है ,
तो उसे नहीं कहना चाहिए।
Chanakya

मधुर वचन

मधुर वचन

ढेकुली नीचे सिर झुकाकर ही ,
कुँए से जल निकालती है। 
अर्थात कपटी या पापी व्यक्ति सदैव ,
मधुर वचन बोलकर अपना काम निकालते है।
Chanakya

सत्संग का प्रभाव

सत्संग का प्रभाव

सोने के साथ मिलकर चांदी भी ,
सोने जैसी दिखाई पड़ती है ,
अर्थात सत्संग का प्रभाव ,
मनुष्य पर अवश्य पड़ता है।
Chanakya

आलसी

आलसी

'आलसी का न वर्तमान होता है ,
न भविष्य।
Chanakya'

मनुष्य

मनुष्य

अपने स्थान पर बने रहने से ,
ही मनुष्य पूजा जाता है।
Chanakya

अन्न

अन्न

अन्न के सिवाय कोई ,
दूसरा धन नहीं है।
Chanakya

शत्रु

शत्रु

भूख के समान कोई ,
दूसरा शत्रु नहीं है।
Chanakya

शत्रु के गुण

शत्रु के गुण

शत्रु के गुण को भी ,
ग्रहण करना चाहिए।
Chanakya

विद्या

विद्या

विद्या  ही निर्धन का धन है।
Chanakya

अमृत

अमृत

सांप को दूध पिलाने से,
विष ही बढ़ता है ,
न की अमृत ।
Chanakya

धैर्यवान

धैर्यवान

जो धैर्यवान नहीं है ,
उसका न वर्तमान है ,
न भविष्य ।
Chanakya

बल

बल

मित्रों के संग्रह से ,
बल प्राप्त होता है ।
Chanakya

परस्पर मित्र

परस्पर मित्र

एक ही देश के दो शत्रु ,
परस्पर मित्र होते है ।
Chanakya

वन की अग्नि

वन की अग्नि

वन की अग्नि चन्दन की लकड़ी को ,
भी जला देती है अर्थात ,
दुष्ट व्यक्ति किसी का भी ,
अहित कर सकते है ।
Chanakya

शत्रु की दुर्बलता

शत्रु की दुर्बलता

शत्रु की दुर्बलता जानने तक ,
उसे अपना मित्र बनाए रखें।
Chanakya

तिनका

तिनका

सिंह भूखा होने पर भी ,
तिनका नहीं खाता।
Chanakya