खुशबू जो फूलों में समाई हुई है। ए दिल उसकी सांसों, से चुराई हुई है।
बरसात में किसी की याद, का दर्द पूछना है, तो मेरी आंखों से पूछो।
आप जब मुस्कुराते आते हैं, अदा से। मत पूछ कितने, फूल खिल जाते हैं यहां।
यह कैसा इंतिहान वक्त ने ले लिया। नीलाम एक शायर ने, जज्बातों को कर दिया।
मैंने लिखी है खून से इश्क की, कहानी। यह और बात है कि बर्बाद कर डाली जवानी।
कितने ही ख्वाब सजाए हैं, अभी पलकों पर। तुम करीब आओ, तो सब पूरे हो जाएं।
निगाहें ढूंढ रही है, वहीं ख्वाब सुनहरे। जो कभी मिल बैठ, कर दे
कौन जाने कब सुन ले, दुआ दिल की, खुदा के सामने हाथ, फैलाए रखना।
दिल से तड़प किसी, सूरत में नहीं जाती, हाय क्या होगा तेरे, जुनूँ का अंजाम?
खुशबू समेटकर सारे गुलशन की। कुदरत ने भर दी उस हंसी, की सांसो में।
शहर ही नहीं दुनिया छोड़ देता | काश यह फैसला खुद तूने, सुनाया होता।
मैं नजर से कह रहा था, वह नजर से सुन रहे थे । हम दोनों यूं ही कुछ, सपने बुन रहे थे।
शबनम सी सादगी फूलों की ताजगी | लेकर मैंने तेरे हुस्न को, संवारा रातों में।
कितने इल्जाम अभी उठाने होंगे | बदनाम और कितने हमारे फसाने होंगे।
दीया उम्मीदों का यू बुझाया नहीं करते। प्यार करने वालों को क्यों, भुलाया नहीं करते।
नाम रोशन हो गया दीवानों में तेरा, मेरा। कुछ इतने चर्चे शहर में, हमारे प्यार के हुए |
तेरी दीवानगी ने बड़ा यह काम, किया। दुनिया भर में मशहूर, मेरा नाम किया।
पत्थरों के शहर में फरियाद क्या, करें? जो भूल गई हमें अब उसे, याद क्या करें।
तेरे बदन पर उमड़ा हुआ वो शबाब, आज फिर कर रहा है, दिल को बेताब।
आईने में अपना हुस्न देखकर वो बोले, तेरी दीवानगी मुझसे भी ज्यादा है।
कोई मुझे बुलाता रहा और, मैं रोती रही दिल के जख्मों को, रो-रो कर आंसुओं से धोती रही।
आंखों से आंखें मिलते हैं, दो से चार बनकर हम आप से, मिलेंगे गले का हार बनकर |
किसी के मरने के बाद मिलने, वाला कोई धन ईमानदारी से अधिक, मूल्यवान नही है। William Shakespeare
कोई सर्वोत्तम दान ईमानदारी , के सद्रश बहुमूल्य नहीं है। William Shakespeare
ईमानदार होना दस हज़ार, में से एक होना है। William Shakespeare
अच्छा या बुरा कुछ नहीं है, केवल विचार ही किसी वस्तु को, अच्छा या बुरा बनाते है। William Shakespeare
क्रोध की आंधी क्रोधी मानव को, एक तिनके के समान अपने, अधीन रखती है। William Shakespeare
गुस्सा समुंद्र की तरह बहरा, और आग की तरह उतावला है। William Shakespeare
जिससे अक्सर हम डरते हैं, कालांतर में उसी से, घृणा करते है। William Shakespeare
जिस मेहनत से हमें आनंद प्राप्त, होता है। वह हम लोगों के लिए, अमृत समान है। ]William Shakespeare
प्रेम की प्यास एक आजीवन, कमजोरी बनकर मनुष्य के, साथ रहती है। William Shakespeare
सर्वोत्तम व्यक्ति गलतियों, की भट्टी से निकलते है। William Shakespeare
सुंदर ह्रदय संसार की समस्त, संपत्ति से ज्यादा मूल्यवान है। William Shakespeare
आपको बातें सभी लोगो की सुननी चाहिए ,लेकिन अपनी बातें, कुछ ही लोगो को कहनी चाहिए | William Shakespeare
एक मिनट देरी से आने से बेहतर है , की आप तीन घंटे पहले आ जाए | William Shakespeare
एक पिता जब अपने पुत्र को कुछ देता है, तो दोनों हँसते हैं , लेकिन जब एक पुत्र , अपने पिता को कुछ देता है तो दोनों रोते हैं | William Shakespeare
कोई बड़ा कार्य करने के लिए, थोड़ी-बहुत गलतियाँ भी करिए | William Shakespeare
अपने शब्दो को ध्यान देकर, बोलिए वरना आप खुद ही , अपना भाग्य बिगाड़ लेंगे | William Shakespeare
यदि आप प्रेम के विषय मे, बोल रहे है तो,धीमे स्वर मे बोले | William Shakespeare
झूठ के लिए लड़ने मे , सच्ची बहादुरता नहीं होती | William Shakespeare
नर्क मे कोई नहीं रहता , सभी राक्षस यही रहते है | William Shakespeare
नाम में कुछ नहीं रखा , यदि आप गुलाब के, फूल को किसी और नाम से पुकारेंगे तो , वो वैसी ही सुगंध देगा जैसी उसकी सुगंध हैं | William Shakespeare
बारिश की बूंदो से बना हुआ , छोटा सा समुंदर , लहरों से भीगती छोटी सी बस्ती, चलो ढूंढे बरसात में दोस्ती की कुछ यादें, हाथ में लेकर एक कागज़ की कश्ती |
ये बारिश आज मुझसे कुछ कह गयी, आज फिर हमारी बाहों में, उनकी कमी रह गयी, एक पल के लिए उसे छुआ मैंने, और आज फिर उसकी , याद बरसात में पानी की तरह बह गयी |
अपनी हार पर इतना, शकून था मुझे, जब उसने गले लगाया, जीतने के बाद।
मेरे इरादे मेरी तक़दीर बदलने, को काफी हैं, मेरी किस्मत मेरी लकीरों की, मोहताज़ नहीं।
मेरी आवाज़ ही परदा है, मेरे चेहरे का, मैं हूँ ख़ामोश जहाँ मुझको, वहाँ से सुनिए।
किसी को तलाशते तलाशते, खुद को खो देना, आंसा है क्या आशिक हो जाना।
मर जाने की ख्वाइश को मैं कुछ इस, कदर मारा करता हूँ, दिल के जहर को मैं कागज पर, उतरा करता हूँ।