ये लालच एक बार खून में, सलाहियत कर जाए अगर, तो समझो खुद को, धकेल दिया अंगारों में | Ertugrul Ghazi
जिनके रोम-रोम में शिव हैं वही, विष पिया करते हैं, जमाना उन्हें क्या जलाएगा जो, श्रृंगार ही अंगार से किया करते हैं, शुभ महाशिवरात्रि |