ठिठुरती,

ठिठुरती,

शायरी सर्दी की ठिठुरती रात,
में फुटपाथ पर अरमान है,
दिलबर मुझे छोड़ के किसी,
और पे मेहरबान है |
happy winter

अरमान

अरमान

किस से आगाज़ करे हम और किसको हम अंजाम कहे सब कुछ लूट लिया इस चाहत ने हमारा भला कैसे, अब हम इसको दिल-ऐ-अरमान कहे........