यकीन रख ये दुआ कबूल होगी, हमारी अरमानों की हर कली खिल, के फूल होगी हमारी।
शायरी सर्दी की ठिठुरती रात, में फुटपाथ पर अरमान है, दिलबर मुझे छोड़ के किसी, और पे मेहरबान है | happy winter
किस से आगाज़ करे हम और किसको हम अंजाम कहे सब कुछ लूट लिया इस चाहत ने हमारा भला कैसे, अब हम इसको दिल-ऐ-अरमान कहे........