जख्मों

जख्मों

कोई मुझे बुलाता रहा और,
मैं रोती रही दिल के जख्मों को,
रो-रो कर आंसुओं से धोती रही।

मुस्कुराहट

मुस्कुराहट

आपकी मुस्कुराहट आपके चेहरे पर ,
भगवान के हस्ताक्षर हैं,
अपने आंसुओं से उसे धुलने या क्रोध
से मिटने ना दें।

Bk Shivani