मुझे आजाद पंछी बनकर जीना पसंद है, मैं एक आजाद इंसान हूं, मेरी आत्मा आजाद है, मैं यहां प्यार पाने के लिए, प्यार देने के लिए हूं। Hrithik Roshan
किसी की मृत्यु पर पूजा या पाठ करने से उनकी आत्मा को शांति नहीं मिलती ,बल्कि उस पूजा का उपयोग करके पहले हम शांत हो ,और पॉजिटिव वाइब्रेशन फैलाये फिर उससे उस आत्मा को शांति मिलेगी | Bk Shivani
इंसान अपना वह चेहरा तो खूब सजाता है , जिस पर लोगो की नज़र होती है , मगर आत्मा को सजाने की कोशिश कोई नहीं करता ,जिस पर परमात्मा की नज़र होती है | Bk Shivani
शिला ने जीजाजी को कपड़े धोते हुए देखा। चौककर बोली अरे -ये क्या जीजाजी,आप दीदी के कपड़े धो रहे है तो क्या हुआ। .... ? आत्माराम संकोच मे डूबकर बोले -वो मेरे साथ रोटियां भी तो पकवा लेती है
प्रेम से बोला गया एक शब्द भी, अनेक दुखी आत्माओ को शांति प्रदान कर सकता है | Bk Shivani
9 सुविचार 9 minute के लिए रात 9 बजे - 1 . में पवित्र आत्मा हूँ | 2 . में शक्तिशाली आत्मा हूँ | 3 .में सुखस्वरूप आत्मा हूँ | 4 . में निर्भय आत्मा हूँ | 5 . में सुरक्षित हूँ | 6 .मेरा शरीर निरोगी है | 7 . परमात्मा की शक्तियाँ हरेक को मिल रही है | 8 . परमात्मा की शक्तियाँ हमारे देश और पृथ्वी को सुरक्षित रख रही है | 9 . परमात्मा सदैव मेरे साथ है | Bk Shivani
किसी का खराब काम देखकर क्रोध आना मामूली बात है लेकिन क्रोध के बजाय दुआ निकलना महान आत्मा के लक्षण हैं I BK Shivani
आत्मा को गोली या लाठी नहीं मार, सकती, दिल के भीतर की असली चीज इस, आत्मा को कोई हथियार नहीं छू सकता। Sardar Patel
संस्कृति मन और, आत्मा का विस्तार है। Pandit Nehru
जब तक कोई व्यक्ति सत्य , नहीं बोलता वो परमेश्वर को , नहीं पा सकता जो की , सत्य की आत्मा हैं। Swami Paramhans
आत्मसंयम क्या है ? आंखो को दुनिया की चीज़ों की, ओर आकर्षित न होने देना, और बाहरी तत्वों को खुद, से दूर रखना | Adi Shankaracharya
मोह से भरा हुआ इंसान एक सपने कि तरह हैं, यह तब तक ही सच लगता है, जब तक वह अज्ञान की नींद में सो रहे होते है, जब उनकी नींद खुलती है, तो इसकी कोई सत्ता नही रह जाती है | Adi Shankaracharya
तीर्थ करने के लिए किसी, जगह जाने की जरूरत नहीं है, सबसे बड़ा और अच्छा तीर्थ, आपका अपना मन है, जिसे विशिष्ट रूप से शुद्ध, किया गया हो | Adi Shankaracharya
हर व्यक्ति को यह ज्ञान होना चाहिए, कि आत्मा एक राज़ा के समान होती है, जो शरीर इन्द्रियों मन बुद्धि, से बिल्कुल अलग होती है, आत्मा इन सबका साक्षी स्वरुप है | Adi Shankaracharya
इस मिट्टी में कुछ अनूठा है , जो कई बाधाओं के बावजूद, हमेशा महान आत्माओं का , निवास रहा है I Sardar Patel
संगीत दो, आत्माओं के, बीच के अनंत, को भरता है | Rabindranath Tagore