झूठा इल्जा़म सच्चे आदमी को, सुरखुरू करता है ईमान को, मज़बूत करता है। Ertugrul Ghazi
माली हाथ जोड़कर सामने खड़ा हो गया .क्या है हरिराम ? सरकार,मै ठेका लेने आया हूँ। किस बात का ठेका ? सरकार चर्चा है की आपकी लड़की हंसती है तो फूल झड़ते है हुजूर ,उन फूलो का ठेका दे दो। सरकार।, गरीब आदमी का भला होगा
भिखारी -बाबूजी दस पैसा दे दो " बाबूजी -दस पैसे से क्या मिलेगा तुम ज्यादा क्यों नहीं मांगते ? भिखारी -बाबूजी मै आदमी की हैसियत देखकर मांगता हूं "
अहंकार में आदमी फूल सकता है, फल नहीं सकता। Premchand
जिसमें दया नहीं, धर्म नहीं ,निज भाषा से, प्रेम नहीं ,चरित्र नहीं ,आत्म बल नहीं है, वह भी कोई आदमी है | Premchand
आदमी को चाहिए कि बुराई के बजाय, भलाई का रास्ता अपनाएं भलाई, करने वाले लोग लोक व परलोक, दोनों में ही सुख से रहते हैं। Lord Buddha
एक आदमी किसी College के Toilet में गया, अंदर टॉयलेट सीट पर बैठा तो सामने, दिवार पर लिखा हुआ देखा, इतना जोर आगर पढाई में लगाता तो, तू आज किसी अच्छी सीट पर बैठा होता |
सफल आदमी बनने के बजाय, अच्छा आदमी बनने का सोचिये I Mark Zuckerberg
राजनीतिक अत्याचार , सामाजिक अत्याचार की , तुलना में कुछ भी नहीं है , और एक सुधारक जो समाज को , खारिज कर देता है , वो सरकार को ख़ारिज कर देने वाले , राजनीतिज्ञ से कहीं अधिक साहसी हैं |
यदि हम एक संयुक्त एकीकृत आधुनिक , भारत चाहते हैं तो सभी धर्मों के , शाश्त्रों की संप्रभुता का , अंत होना चाहिए | Dr. B. R. Ambedkar
पति- पत्नी के बीच का सम्बन्ध, घनिष्ट मित्रों के सम्बन्ध के , सामान होना चाहिए | Dr. B. R. Ambedkar
जब तक आप सामाजिक स्वतंत्रता , नहीं हांसिल कर लेते , क़ानून आपको जो भी स्वतंत्रता देता है , वो आपके किसी काम की नहीं | Dr. B. R. Ambedkar
जीवन लम्बा होने की , बजाये, महान होना चाहिए | Dr. B. R. Ambedkar
क़ानून और व्यवस्था , राजनीतिक शरीर की दवा है , और जब , राजनीतिक शरीर बीमार पड़े , तो दवा ज़रूर दी जानी चाहिए | Dr. B. R. Ambedkar
मैं किसी समुदाय की प्रगति , महिलाओं ने जो , प्रगति हांसिल की है , उससे मापता हूँ | Dr. B. R. Ambedkar
मैं ऐसे धर्म को मानता हूँ , जो स्वतंत्रता , समानता , और भाई -चारा सीखाये | Dr. B. R. Ambedkar
बुद्धि का विकास मानव के, अस्तित्व का अंतिम लक्ष्य होना चाहिए | Dr. B. R. Ambedkar
एक महान आदमी एक , प्रतिष्ठित आदमी से , इस तरह से अलग होता है , कि वह समाज का नौकर बनने को , तैयार रहता है | Dr. B. R. Ambedkar
बिजनेसों में महान चीजें , कभी किसी एक आदमी द्वारा , नहीं की जाती, वे लोगों की एक टीम के , द्वारा की जाती हैं | Steve Jobs
जज: तू तीसरी बार अदालत आया है, तने शर्म कोनी आती? आदमी: तू तो रोज़ आवे है, तने तो डूब के मर जाना चाहिए ।
कठिन काम को करने के लिए मैं एक आलसी आदमी को ढूंढता हूँ। क्योंकि एक आलसी आदमी उसे करने का एक आसान तरीका ढूंढ निकालेगा।
"पुस्तकें एक मुर्ख आदमी के लिए वैसे ही हैं, जैसे एक अंधे के लिए आइना।" ~ आचार्य चाणक्य