सबसे बड़ी कला है मन को प्रभु में लगाना |
जीवन जीने की कला है , दृष्टि को पवित्र , मन को शांत , बुद्धि को दिव्य और मुख को मधुर बनाना | Bk Shivani
मजबूत मन और दृढ़ इच्छाशक्ति से, चुनौतियों को पार कर सफलता, प्राप्त की जा सकती है। A . P . J . Abdul Kalam
ज्ञान का समीकरण है, ज्ञान = सृजनात्मकता +इमानदारी + साहस +अदम्य उत्साह। A . P . J . Abdul Kalam
हमारे अंदर कमी है तो साहस की, प्रेरणादाई शक्ति की जो हमें कहीं, भी ले जा सकती है। A . P . J . Abdul Kalam
आप सफल तभी होंगे, जब आप अपने सामने खड़ी चुनौती का सामना साहस और समर्पण से करेंगे। A . P . J . Abdul Kalam
एक विद्वतापूर्ण सोच से ही, विज्ञान का निर्माण होता है। A . P . J . Abdul Kalam
प्रत्येक मनुष्य को अपने विचारों और, कार्यों में ईमानदारी के प्रति समर्पण, का भाव पैदा करना चाहिए। A . P . J . Abdul Kalam
युवाओं का जागृत मन इस धरती पर उसके ऊपर, और उसके नीचे सबसे सशक्त संसाधन है। A . P . J . Abdul Kalam
जब हम अपने काम में तल्लीन रहते हैं, और अपने काम से प्यार करते हैं, तो इसका सवाल ही नहीं उठता कि डर हमें अपने वश में कर सके। A . P . J . Abdul Kalam
हमें अपनी धरती पर प्रत्येक मानवीय कार्य में ‘ सीमाहीनता ‘ की भावना को बढ़ाना होगा। A . P . J . Abdul Kalam
स्थिर और सुरक्षित भविष्य सहिष्णुता की, बुनियाद पर ही खड़ा हो सकता है। A . P . J . Abdul Kalam
यदि मनुष्य का चरित्र सुंदर हो, तो घर में शांति आती है। A . P . J . Abdul Kalam
यदि मनुष्य के हृदय में धर्म, हो तो मनुष्य का चरित्र, सुंदर हो जाता है। A . P . J . Abdul Kalam
किसी राष्ट्र का निर्माण इन महत्वपूर्ण घटकों, से होता है रोग मुक्त रहना, उच्च आय की क्षमता, उच्च उत्पादकता ,मिल जुल कर, रहना और सशक्त प्रतिरक्षा। A . P . J . Abdul Kalam
किसी राष्ट्र को समृद्ध बनाना केवल आर्थिक, दृष्टिकोण तक ही सीमित नहीं होता बल्कि उस, राष्ट्र को ज्ञान से परिश्रम से और सबसे अधिक, सम्मान और गरिमा से सुशोभित भी करना होता है। A . P . J . Abdul Kalam
मनुष्य को उस फूल के भांति बनने का प्रयास, करना चाहिए जो अपने सारे गुणों के, बावजूद बहुत ही विनम्र बना रहता है। A . P . J . Abdul Kalam
हर भारतीय के दिल में ऐसी कोई ख्वाहिश, जरूर होगी जिसे वो अपने देश की सेवा, करते हुए पूरा करना चाहते होंगे। A . P . J . Abdul Kalam
कला मानवीय आत्मा की, गहरी परतों को उजागर करती है, कला तभी संभव है, जब स्वर्ग धरती को छुए | Sarvepalli Radhakrishnan
रेशम की डोरी से बांधा एक बहन ने अपनी भाई की कलाई पर प्यार।
किसी के जख्म पर चाहत की पट्टी कौन बांधेगा अगर बहन नहीं होगी तो राखी कौन बांधेगा|
भगवान हर जगह नहीं हो सकते, इसलिए उन्होंने मां को बनाया और मां हर वक्त हमारे साथ नहीं हो सकती, इसीलिए भगवान ने बहन को बनाया।
आया राखी का त्योहार, छाई खुशियों की बहार रेशम की डोरी से बांधा एक बहन ने अपनी भाई की कलाई पर प्यार।।
साथ पले और साथ बड़े हुए, खूब मिला बचपन में प्यार, भाई-बहन का प्यार बढ़ाने, आया राखी का त्योहार |
याद है हमारा वो बचपन, वो लड़ना – झगड़ना और वो मना लेना, यही होता है भाई – बहन का प्यार, और इसी प्यार को बढ़ाने के लिए आ रहा है, रक्षा बंधन का त्योहार|
रिश्ता हम भाई बहन का, कभी खट्टा कभी मीठा, कभी रूठना कभी मनाना, कभी दोस्ती कभी झगड़ा, कभी रोना और कभी हसाना, ये रिश्ता है प्यार का, सबसे अलग सबसे अनोखा |
चन्दन की डोरी फूलों का हार, आए सावन का महिना और राखी का त्योहार, जिसमें है झलकता भाई-बहन का प्यार |
लोगों की कला उनके, मन का सही दर्पण है। Pandit Nehru
कला में व्यक्ति खुद, को उजागर करता है, कलाकृति को नहीं | Rabindranath Tagore
डकार मारने की process के साथ साथ भगवान का नाम लेने की अद्भुत कला सिर्फ भारतीय लोगो मैं ही पाई जाती है l "हरी ओम "