जमाना

जमाना

बरसात आज आई तो ,
याद आया वो जमाना,
तेरा वो छत पे खड़े रहना,
और मेरा सडको पे नहाना |

खड़े पहाड़ नहीं

खड़े पहाड़ नहीं

वो सामने खड़े पहाड़ नहीं हैं,
जो आपको थका देते हैं,
बल्कि वो आपके जूतों,
में पड़े कंकड़ हैं,
जो आपको थका देते हैं।