रामायण

रामायण

जीवन में क्या करना है ,
यह रामायण सिखाती है ,
जीवन में क्या नहीं करना है
यह महाभारत सिखाती है , और
जीवन कैसे जीना है , यह
भगवद गीता सिखाती है |

 जो मुझसे प्रेम करते हैं I

जो मुझसे प्रेम करते हैं I

मैं उन्हें ज्ञान देता हूँ ,
जो सदा मुझसे जुड़े रहते हैं ,
और जो मुझसे प्रेम करते हैं I
Shrimad Bhagwad Gita

लगातार चिंतन

लगातार चिंतन

व्यक्ति जो चाहे बन सकता है ,
यदी वह विश्वास के साथ ,
इच्छित वस्तु पर लगातार चिंतन करे I
Shrimad Bhagwad Gita

अभ्यास से

अभ्यास से

मन अशांत है ,
और उसे नियंत्रित करना कठिन है ,
लेकिन अभ्यास से इसे वश में ,
किया जा सकता है I
Shrimad Bhagwad Gita

मनुष्य

मनुष्य

मनुष्य अपने विश्वास से ,
निर्मित होता है ,
जैसा वो विश्वास करता है ,
वैसा वो बन जाता है I
Shrimad Bhagwad Gita

अनिवार्य कार्य

अनिवार्य कार्य

अपने अनिवार्य कार्य करो ,
क्योंकि वास्तव में कार्य करना ,
निष्क्रियता से बेहतर है I
Shrimad Bhagwad Gita

 ज्ञानी व्यक्ति

ज्ञानी व्यक्ति

' ज्ञानी व्यक्ति ज्ञान और कर्म को ,
एक रूप में देखता है ,
वही सही मायने में  देखता है I
Shrimad Bhagwad Gita '

मन को नियंत्रित

मन को नियंत्रित

जो मन को नियंत्रित नहीं करते ,
उनके लिए वह शत्रु के समान ,
कार्य करता है I
Shrimad Bhagwad Gita

 व्यक्ति का पतन

व्यक्ति का पतन

क्रोध से भ्रम पैदा होता है ,
भ्रम से बुद्धि व्यग्र होती है,
जब बुद्धि व्यग्र होती है ,
तब तर्क नष्ट हो जाता है ,
जब तर्क नष्ट होता है ,
तब व्यक्ति का पतन हो जाता है I
Shrimad Bhagwad Gita

सदैव

सदैव

सदैव संदेह करने वाले व्यक्ति के ,
लिए प्रसन्नता ना इस लोक में है ,
ना ही कहीं और I
Shrimad Bhagwad Gita