'बस एक बार ये “कोरोना वायरस” खत्म हो जाये। फिर मैं चीन जाकर, सबको दाल चावल बनाना सिखायूंगा। साले कुछ भी खाते है। 😊😁😊'
घर जमाई: आज से मैं रोटी नहीं चावल खाऊंगा। सास: ऐसा क्यों? घर जमाई: मोहल्ले वालों के ताने सुनकर थक गया हूं , रोज कहते हैं कि मैं ससुराल वालों की रोटी तोड़ता हूं ।