जीवित

जीवित

जीवन कोई त्रासदी नहीं है,
ये एक हास्य है जीवित,
रहने का मतलब है,
हास्य का बोध होना |
OSHO

जीवित

जीवित

आप जीवित रहने के,
लिए क्या करते है ,
और आपके जीने का उद्देश्य क्या है ,
इन दोनों में बहुत फर्क है I
Amitabh Bachchan

जीवित व्यक्ति

जीवित व्यक्ति

पूंजीवादी समाज में ,
पूँजी स्वतंत्र और व्यक्तिगत है ,
जबकि जीवित व्यक्ति आश्रित है ,
और उसकी कोई वैयक्तिकता नहीं है |
KARL MARX

भगवान को खोजने

भगवान को खोजने

भला हम भगवान को खोजने कहाँ जा सकते हैं अगर उसे अपने ह्रदय और हर एक जीवित प्राणी में नहीं देख सकते.