अज्ञानता

अज्ञानता

अज्ञानता अंधेरी रात है,
जिस में न चांद आता है न सितारे।

Mahatma vidur

व्यापारी

व्यापारी

जगमग जगमग चाँद सितारे,
हम सब देवी लक्ष्मी के चरण पखारे,
व्यापारी के भाग सवारे,
धन तेरस के बजे नगाड़े।
Happy Dhanteras

तारे आसमान में ही चमकते,

तारे आसमान में ही चमकते,

तारे आसमान में ही चमकते हैं,
बादल इतने दूर है, फिर भी बरसते हैं,
हम भी कितने अजीब हैं तुम दिल में, रहते हो,
और हम तुमसे मिलने को तरसते हैं |
happy propse day

 चाँद ने कभी

चाँद ने कभी

जरूर तूमको किसी ने दिल ❤️ से पुकारा होगा,
एक बार तो चाँद ने कभी तुमको निहारा होगा,
मायूस हुए होंगे सितारे भी उस दिन,
खुदाने जब जमीन पर तुमको उतारा होगा…
🎂जन्मदिन मुबारक हो…🎂