कोरोना वायरस से बचने का उपाय

कोरोना वायरस से बचने का उपाय


इस महामारी की वजह से बहुत लोगों के काम पर असर पड़ा है। हर जगह यही बता रहे हैं कि जॉब ,बिजनेस, कंपनी सब खतरे में है। ऐसे में यही प्रभावी विचार बनने लगता है | तो मुझे उससे बचने के लिए एक दृढ़ संकल्प बनाना होगा। मेरी नौकरी ,कारोबार सुरक्षित है और सुरक्षित रहेगा। अब हम ऐसा संकल्प इसलिए कर रहे हैं, नहीं तो सारा दिन हम जो सोचते हैं, वही बोलते हैं कि पता नहीं मेरा कल क्या होगा। इस समय मन में ऐसे बहुत सारे ब्लेक सर्कल हैं, जिन्हें white बनाना है। उसके लिए हमें यही संकल्प करना है। मेरा परिवार सुरक्षित है। मेरा देश सुरक्षित है। यह सृष्टि सुरक्षित है। इस समय जो वायरस आया हुआ है, उसका नाम नहीं लेना है। उसके लिए हमें यही संकल्प करना है कि जो चीज आई है, इस समय वह समाप्त हो चुकी है। नहीं तो हम सारा दिन यही सोच रहे हैं कि देश में कितने संक्रमित होंगे कितने लोग मरेंगे? आंकड़े इकट्ठा करना हमारा काम नहीं है। आप अपने मन को कोई तारीख नहीं दे कि वह जून तक में जाएगी या साल के अंत में हमें यह संकल्प करना है कि वह जा चुकी है क्योंकि संकल्प से सिद्धि मिलती है। और सब से यही संकल्प करवाना है।
जब हम जीवन में दृढ़ संकल्प का इस्तेमाल करते हैं तो उसमें ध्यान रखना है कि कोई भी नेगेटिव शब्द न हो। इस समय हमारा दृढ़ संकल्प होगा। मैं पूर्णतया स्वस्थ हूं। अगर किसी को छोटी मोटी बीमारी है या वायरस से संक्रमित है तो उनको यह विचार बनाना है। मेरा शरीर परफेक्ट है और हेल्दी है क्योंकि इस समय हम स्वस्थ रहना चाहते हैं। डर खत्म करना है तो हमें यह सोचना है कि मैं निडर हूं।
मुझे आत्मविश्वास है। मन की स्थिति के लिए संकल्प करना है कि मैं खुश हूं। मुझे अभी यही संकल्प करना है क्योंकि वातावरण में चिंता है। यह ब्लेक सर्कल है जिसे खत्म करने का एक ही रास्ता है। उस पर white सर्कल बनाना एक ब्लेक सर्कल खत्म करने के लिए 5 से 10 white सर्कल बनाने होंगे। अगर जीवन में तनाव है तो हम यह संकल्प करेंगे कि मैं शांत आत्मा हूं। कमजोर महसूस कर रहे हैं तो संकल्प करेंगे कि मैं शक्तिशाली आत्मा हूं, यदि खुद को किसी भी संक्रमण से बचाना है तो संकल्प करना है मैं पवित्र आत्मा हूं। मेरे अंदर ये बिमारी आ ही नहीं सकती है। शरीर के लिए संकल्प करें कि मेरा शरीर निरोगी है और ऐसा ही रहेगा।


Bk Shivani

विजय

विजय

विजय उसे मिलती है जो,
हमेशा दृढ रहता है |

Nepoleon Bonapart