जिसे पुस्तक पढ़ने का शौक है , वह सब जगह सुखी रह सकता है | Mahatma Gandhi
पुस्तकें वो साधन हैं, जिनके माध्यम से, हम विभिन्न संस्कृतियों, के बीच पुल का निर्माण, कर सकते हैं | Sarvepalli Radhakrishnan
"पुस्तकें एक मुर्ख आदमी के लिए वैसे ही हैं, जैसे एक अंधे के लिए आइना।" ~ आचार्य चाणक्य