प्रभुमंदिर

प्रभुमंदिर

जहाँ देह है वहाँ कर्म तो है ही ,
उससे कोई मुक्त नहीं है |
तथापि शरीर को प्रभुमंदिर बनाकर
उसके द्वारा मुक्ति प्राप्त करनी चाहिए |

Mahatma Gandhi

पावन

पावन

गुरु के चरणों की धूल जो मिल जाये ,
पावन ये तन मन हो जाये ,
लगा के धूल गुरु चरणों की ,
मुक्ति ये शरीर पा जाए |