मुहर्रम

मुहर्रम

सभी लोग महान व्यक्ति हैं हमें,
केवल उनके व्यवहार पर गौर,
करना है इस पर नहीं कि वे,
कौन हैं या वे कहाँ से हैं,
इसलिए यह मुहर्रम बाधाओं,
को दूर करता है और एक,
साथ ख़ुशी मुहर्रम मनाता है |
HAPPY MUHARRAM

जलवा

जलवा

किया जलवा करबला मैं,
दिखया हुसैन ने सजदे मैं,
जा के सर कटाया हुसैन ने |
HAPPY MUHARRAM

इस्‍लाम

इस्‍लाम

कत्‍ल-ए-हुसैन असल,
में मार्ग-ए-यजीद है,
इस्‍लाम जिन्दा होता है,
हर करबला के बाद |  
HAPPY MUHARRAM

इंकार

इंकार

जब भी कभी ज़मीर,
का सौदा हो,
कायम रहो दोस्‍तों,
हुसैन के इंकार की,
तरह | 
HAPPY MUHARRAM

फातिमा

फातिमा

सजदा से करबला,
को बंदगी मिल गई, 
सबर से उम्‍मत को,
जिन्दगी मिल गई,
एक चमन फातिमा,
का गुज़रा, 
मगर सारे इस्‍लाम को,
जिन्दगी मिल गई |  
HAPPY MUHARRAM

तकलीफ

तकलीफ

नज़र गम है नज़रों को बड़ी तकलीफ होती है,
बगैर उनके नज़रों को बड़ी तकलीफ होती है, 
नबी कहते थे अकसर के अकसर जिक्र -ए-हैदर से,
मेरे कुछ जान निसारों को बड़ी तकलीफ होती है |
HAPPY MUHARRAM

करबला

करबला

जन्‍नत की आरज़ू में, 
कहां जा रहे हैं लोग, 
जन्‍नत तो करबला में, 
खरीदी हुसैन ने,
दुनिया-ओ-आखरात में, 
जो रहना हो चैन से, 
जीना अली से सीखो, 
मरना हुसैन से |  
HAPPY MUHARRAM

कामयाबी

कामयाबी

बेशक मेरे नजदीक,
मौत कामयाबी के,
सिवा कुछ नहीं है, 
और जालिम के साथ,
ज़िन्दगी गुजारना,
जिल्लत के सिवा,
कुछ नहीं है |
HAPPY MUHARRAM

फातिमा

फातिमा

सजदा से करबला को बंदगी मिल गई, 
सबर से उम्मत को जिंदगी मिल गई,
एक चमन फातिमा का गुज़रा, 
मगर सारे इस्लाम को जिंदगी मिल गई |
HAPPY MUHARRAM

इस्लाम

इस्लाम

सिर गैर के आगे ना,
झुकाने वाला और नेजे,
पे भी कुरान सुनाने वाला,
इस्लाम से क्या पूछते हो,
कौन हुसैन है,
इस्लाम को इस्लाम,
बनाने वाला हुसैन है ।
HAPPY MUHARRAM

करीब अल्लाह

करीब अल्लाह

करीब अल्लाह के आओ तो कोई बात बने
ईमान फिर से जगाओ तो कोई बात बने
लहू जो बह गया कर्बला में
उसके मकसद को समझो तो कोई बात बने

सच्चा पैगम्बर

सच्चा पैगम्बर

'न हिला पाया वो रब की मैहर को
भले जीत गया वो कायर जंग
पर जो मौला के दर पर बैखोफ शहीद हुआ
वही था असली और सच्चा पैगम्बर'

जलवा

जलवा

'क्या जलवा कर्बला में दिखाया हुसैन ने
सजदे में जा कर सिर कटाया हुसैन ने
नेजे पे सिर था और ज़ुबान पे आयतें
कुरान इस तरह सुनाया हुसैन ने।'

तक़दीर

तक़दीर

अपनी तक़दीर जगाते है तेरे मातम से
खून की राह बिछाते हैं तेरे मातम से
अपने इज़हार-ए-अक़ीदत का सिलसिला ये है
हम नया साल मनाते है तेरे मातम से

सज़दे

सज़दे

कर्बला को कर्बला के शहंशाह पर नाज़ है
उस नवासे पर मुहम्मद को नाज़ है
यूँ तो लाखों सिर झुके सज़दे में लेकिन
हुसैन ने वो सज़दा किया जिस पर खुदा को नाज़ है

चाँद

चाँद

एक दिन बड़े गुरुर से कहने लगी जमीन
है मेरे नसीब में परचम हुसैन का
फिर चाँद ने कहा मेरे सीने के दाग देख
होता है आसमान पर भी मातम हुसैन का

सजदा हुसैन

सजदा हुसैन

क्या हक़ अदा करेगा ज़माना हुसैन का
अब तक ज़मीन पे क़र्ज़ है सजदा हुसैन का
झोली फैला कर मांग लो मोमिनो
हर दुआ कबूल करेगा दिल हुसैन का

नाना का  वादा

नाना का वादा

वो जिसने अपने नाना का
वादा वफ़ा कर दिया, घर का घर सुपुर्द-ए-खाक
कर दिया , नोश कर लिया
जिसने शहादत का जाम , उस हुसैन इब्न अली
को लाखों सलाम |

हुसैन

हुसैन

पानी की तलब हो तो
एक काम किया कर, कर्बला के नाम पर
एक जाम पिया कर, दी मुझको हुसैन
इब्न अली ने ये नसीहत, जालिम हो मुक़ाबिल
तो मेरा नाम लिया कर |