'तुम वो हो जिसे मै, पाना चाहता हुँ तुम्हे, जिस्म से नहीं रूह, से अपना बनाना, चाहता हूँ | Happy Rose Day '
तुम गले मिले, तो ऐसे लगा, जैसे पिछले जनम की, बिछड़ी रूह मिली हो Happy Hug Day
कौन कहता है, मुलाकात, मेरी आज की है तू, मेरी रूह के अंदर, है कई सदियों से |
मुझे तलाश हैं एक रूह की, जो मुझे दिल से प्यार करे, वरना इंसान तो पेसो से भी, मिल जाया करते हैं |