लालच

लालच

जब मन में लालच और
डर होता है ,
तो वो चीज़े जिनकी
कोई कीमत नहीं ,
कोई हैसियत नहीं ,
वो भी तुम पर हावी हो जाती है |

उपवास

उपवास

उपवास हमेशा अन्न का ही क्यों ,
कभी लालच ,निंदा ,लोभ क्रोध ,
काम ,झूठ ,लोभ और कुविचार का
भी करना चाहिए |

Bk Shivani

मनुष्य

मनुष्य

केवल वही मनुष्य सब की,
उपेक्षा उत्तम रूप से करता है ,
जो पूर्णतया निस्वार्थ है ,
जिसे ना धन का लालच ,
ना कीर्ति का और ना ,
अन्य किसी वस्तु का है ।

Swami Vivekanand