शरीर में कोई सुंदरता नहीं होती है ,सुन्दर होते है तो, केवल मनुष्य के कर्म ,विचार , वाणी ,व्यवहार ,संस्कार और उसका चरित्र |
तर्क द्वारा उसे कोई समझ नहीं सकता | चाहे वो युगो युगो तक तर्क ही करता रहे | nanak ji
गुरु जो सत्यार्थ कराये मान लेना , गुरु की वाणी उस प्रभु के , आदेश से प्रेरित होती है , जो समस्त सत्यार्थ के स्वामी है |
गुरु वाणी वो अनमोल रत्न है , जिसको धारण करने वाला, कभी गरीब ओर दुखी नहीं रहता |
गुरु ने जो सिखाया है , कभी ना व्यर्थ जाएगा , गुरु वाणी जिसने ना मानी, वो सदा दुख पाएगा |
किसी को अपनी वाणी से कष्ट मत पहुचाहिये, आप में भी गलतिया है और, दुसरो के पास भी जुबान है तो सावधान रहिये I BK SHIVANI
कठोर वाणी अग्निदाह से भी , अधिक तीव्र दुःख पहुंचाती है। Chanakya