शरीर सुन्दर हो या ना हो, उससे फर्क नहीं पड़ता | लेकिन शब्दों को जरूर सुंदर होना चाहिए , क्योंकि लोग चेहरे को भूल जाते है , लेकिन शब्दों को नहीं भूलते |
क्रोध में भी शब्दों का चुनाव ऐसे कीजिए कि जब गुस्सा उतरे तो खुद की नजरों में शर्मिंदा ना होना पड़े।
एक सज्जन अपने कर्मों, का अपने शब्दों से मेल नहीं, होने पर शर्मिंदा होगा। Confucius
सीधे शब्दों में कहें तो – हम पैसे बनाने के लिए , सेवाओं का निर्माण नहीं करते , बल्कि हम पैसे बनाते हैं , ताकि बेहतर सेवाओं का , निर्माण कर सकें | Mark Zuckerberg