सावन

सावन

गाय का माखन यशोधा,
का दुलार ब्रह्माण्ड के सितारे,
कन्हैया का श्रृंगार सावन की,
बारिश और भादों की बहार
नन्द के लाला को,
हमारा बार-बार नमस्कार |

सावन

सावन

अब के सावन मे पानी बरसा बहुत,
पानी की हर बूँद मे वह आये याद बहुत,
इस सुहाने मौसम मे साथ नही था कोई,
बादलों के साथ इन आँखों से पानी बहा बहुत…

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