खुशियाँ

खुशियाँ

जब ये तय है की जो दिया है,
वो लौट के आएगा |
तो क्यूँ ना। .....
सिर्फ दुआएँ और खुशियाँ
ही दी जाए |

Bk Shivani

 जीवन जीने का वो मंत्र जो सिर्फ आपको कोरोना वायरस से ही नहीं बल्कि जीवन जीने और मधुर सम्बन्ध बनाये रखने में भी मदद करेगा |  इसे जरूर अपनाये |

जीवन जीने का वो मंत्र जो सिर्फ आपको कोरोना वायरस से ही नहीं बल्कि जीवन जीने और मधुर सम्बन्ध बनाये रखने में भी मदद करेगा | इसे जरूर अपनाये |

सोल्यूमन आईलैंड के बारे में कहा जाता है कि वहां किसी वृक्ष को खत्म करना हो तो वह उसको काटते नहीं है बल्कि इर्द-गिर्द उसको खड़े होकर कोसते हैं जिससे पेड़ धीरे-धीरे सूख जाता है। इसलिए कहते हैं कि जो हम सोचते हैं, वह सिद्ध होता है। सबसे शक्तिशाली बात है कि हम परमात्मा की उर्जा का अपने चारों तरफ एक सर्कल बनाएं। हम सभी हाथ धो रहे हैं। अच्छी बात है, लेकिन आप कितनी बार भी हाथ धो लो। किसी भी चीज को बार-बार सैनिटाइज कर लो। कितनी बार ही अपने आप को सैनिटाइज कर लो। हमें पता ही नहीं है कि फिर कहां कहां हाथ लग रहा है। इसलिए परमात्मा की शक्तियां परमात्मा की पवित्रता बहुत जरूरी है। हमारे चारों तरफ एक ऊर्जा सर्कल है और संकल्प यह करना है कि इस सर्कल के अंदर कुछ भी प्रवेश नहीं कर सकता। इससे हम स्वयं को परिवार को और देश को ऊर्जावान बनाएंगे। यह जादू है,
यह कोई भी कर सकता है। फिर हम संकल्प करें कि परमात्मा की पवित्रता और शक्तियों का हमारे चारों तरफ एक सर्कल है जिसे आभामंडल कहते हैं। यह मेरा सुरक्षा कवच है। फिर एक संकल्प है। मैं सदा सुरक्षित हूं। सुबह उठते ही फोन देखने से पहले हाथ धोने से पहले किसी से बात करने से पहले हमारा संकल्प यही होना चाहिए। क्योंकि सुबह के पहले के विचार का असर पूरे दिन रहता है। इसलिए हम कहते हैं सुबह सुबह किसका चेहरा देखा। मतलब की सुबह की पहली सोच क्या थी, इसलिए सुबह उठते ही पहले विचार ऐसे होने चाहिए। मैं शांत हूं। मैं पवित्र आत्मा हूं। मेरा शरीर अच्छा है। परमात्मा की उर्जा के सर्कल में मेरा पूरा परिवार सुरक्षित है। 2 मिनट दीजिए और इस सर्कल का मानसिक चित्रण लीजिए। रात को सोने से पहले की आखिरी सोच भी यही होनी चाहिए जो आखिरी सोच होगी ,वह सारी रात काम करती है और सुबह उठते ही हमारी सोच वही बन जाती है यही सोच रात को सोचते-सोचते सो जाइए कि मैं सुरक्षित हूं। इस तरह यह दो समय तो हो गए। दिन में जब भी याद आ जाए, मन ही मन इस मंत्र को दोहराई है। मैं शक्तिशाली हूं। मैं सुरक्षित हूं, स्वस्थ हूं। सब अच्छा चल रहा है। ब्रह्माकुमारी संस्था में हम हर एक घंटे के बाद 1 मिनट के लिए रुकते हैं। उसमें हम इसे दोहराते हैं। सबसे महत्वपूर्ण समय खाने और पीने का है। मतलब हम दिन में तीन चार बार खाना खा ही लेते होंगे और सात आठ बार पानी पी लेते होंगे। 10-12 बार तो यही हो गया खाने और पानी पीने के समय इन्हें दोहराना आज इसलिए जरूरी है क्योंकि इस समय आपके खाने और पानी में भी डर और चिंता की ऊर्जा है, जो संकल्प हम भोजन में और पानी में डालते हैं। उसका हमारे मन पर सीधा असर होता है। कहा भी जाता है जैसा अन्न वैसा मन जैसा पानी वैसी वाणी मतलब मुंह में बिना अपना संकल्प डाले कुछ जाना नहीं चाहिए। अगर यह किसी ने एक हफ्ते तक कर लिया तो 100% भय से दूर होना शुरू हो जाएगा और आप सुरक्षित अनुभव करेंगे। यही इस समय सबसे ज्यादा जरूरी है। अगर हम इसके साथ में भावनात्मक सुरक्षा को भी जोड़ देंगे तो आप हर तरह से सुरक्षित हो जाएंगे और दुनिया की किस्मत बदल जाएगी। अभी हमें उस वायरस को उकसाना नहीं है कि अभी आप और आने वाले हो, हमें पता है। अभी आप और दो-तीन महीने रहोगे। हमें पता है हमारा बिज़नेस खत्म हो जाएगा बल्कि हमें यह सोचना है कि हमें पता है कि आप खत्म हो चुके हो, हमें पता है। हम सुरक्षित हैं। ऊपर दी गई सोच और संकल्प का विचार सिर्फ इस वायरस के लिए नहीं है। यह आपके जीवन जीने का तरीका बन जाएगा क्योंकि खुशहाल जीवन के लिए और मधुर सम्बन्ध बनाए रखने के लिए बहुत जरूरी है।

Bk Shivani



संभावना

संभावना

हमेशा याद रखें कि जो,
सामने है वह सच है,
उसके बाद जो कुछ भी है,
वह सिर्फ संभावना है।
OSHO

ख्वाबों

ख्वाबों

वो जाते हुए कह गये की
हम सिर्फ तुम्हारे ख्वाबों में आएंगे..
कह दो उनसे के वो ,
वादा करके गए है तो …
हम जिंदगी भर के लिए सो जायेंगे |

जरूरत

जरूरत

जो लोग सिर्फ आपको जरूरत के समय याद
करते है उनके लिए काम जरुर आना चाहिए…
…क्यूकी अँधेरे के समय ही रौशनी खोजी
जाती है और वह रौशनी आप हो I

Bk Shivani

क्रिसमस

क्रिसमस

ना कार्ड भेज रहा हूँ,
ना कोई फूल भेज रहा हूँ,
सिर्फ सच्चे दिल से मैं आपको,
क्रिसमस और नव वर्ष की,
शुभकामनाएं भेज रहा हूँ |
happy christmas

सफलता

सफलता

सिर्फ सपने देखने से कुछ नही होता है ,
सफलता हमेशा प्रयासों से ,
ही हासिल होती है I

BK SHIVANI

सिर्फ इसलिए

सिर्फ इसलिए

आज के समय में ज्यादातर लोग ,
सिर्फ इसलिए दुखी और असफल है ,
की वे अपने अकल के उपयोग के बजाय ,
दुसरो की नकल ज्यादा करते है I

B. K. SHIVANI

रुकावटें तो सिर्फ,

रुकावटें तो सिर्फ,

रुकावटें तो सिर्फ,
ज़िंदा इंसान के, लिए हैं,
मय्यत के लिए तो,
सब रास्ता छोड देते,
हैं |

सिर्फ इसलिए

सिर्फ इसलिए

'मैं अकेली हूँ, लेकिन फिर भी मैं हूँ ,
मैं सबकुछ नहीं कर सकती ,
लेकिन मैं कुछ तो कर सकती हूँ,
और सिर्फ इसलिए कि ,
मैं सब कुछ नहीं कर सकती,
मैं वो करने से पीछे नहीं हटूंगी ,
जो मैं कर सकती हूँ |

Helen Keller