मन वही सोचे जो मुझे सुख दे , मुख वही बोले जो दुसरो को सम्मान दे ,हाथ वही कर्म करे, जो सृष्टि को सुंदर बनाये |
जब एक सेकंड की, मुस्कुराहट से फोटो सुंदर, आ सकती है तो क्या सदा, मुस्कुराते रहने से जिंदगी, खुशनुमा नहीं हो सकती |
शरीर सुन्दर हो या ना हो, उससे फर्क नहीं पड़ता | लेकिन शब्दों को जरूर सुंदर होना चाहिए , क्योंकि लोग चेहरे को भूल जाते है , लेकिन शब्दों को नहीं भूलते |
शरीर में कोई सुंदरता नहीं होती है ,सुन्दर होते है तो, केवल मनुष्य के कर्म ,विचार , वाणी ,व्यवहार ,संस्कार और उसका चरित्र |
सुंदर मुख अपनी मौन प्रशंसा, करवा लेता है।
यदि मनुष्य का चरित्र सुंदर हो, तो घर में शांति आती है। A . P . J . Abdul Kalam
यदि मनुष्य के हृदय में धर्म, हो तो मनुष्य का चरित्र, सुंदर हो जाता है। A . P . J . Abdul Kalam
सुंदर ह्रदय संसार की समस्त, संपत्ति से ज्यादा मूल्यवान है। William Shakespeare
सुंदरता बढ़ जाती है, यदि आप में, भी गुण हो। Chankya
विवेकी को पाकर गुण सुंदरता को प्राप्त, होते हैं सोने में जड़ा हुआ रत्न अत्यंत, शोभित होता है। Chankya