इंसानियत

इंसानियत

व्यवहार घर का शुभ कलश है,
और इंसानियत घर की तिजोरी,
मधुर वाणी घर की दौलत है,
और शांति घर की महालक्ष्मी |

इंसानियत

इंसानियत

ना जियो धर्म के नाम पर,
नाम मरो धर्म के नाम पर,
इंसानियत ही है, धर्म वतन का,
बस जिओ वतन के नाम पर |

इंसानियत

इंसानियत

मैं एक इंसान हूँ।
वो हर बात मुझे प्रभावित करती है ,
जो इंसानियत को प्रभावित करे।
Bhagat Singh