कश्ती

कश्ती

बारिश की बूंदो से बना हुआ ,
छोटा सा समुंदर ,
लहरों से भीगती छोटी सी बस्ती,
चलो ढूंढे बरसात में दोस्ती की कुछ यादें,
हाथ में लेकर एक कागज़ की कश्ती |

 बूंदों

बूंदों

पूछती हो ना
मुझसे तुम हमेशा की,
मैं कितना प्यार करता हूँ तुम्हे,
तो गिन लो..
बरसती हुई इन बूंदों को तुम!