कश्ती

कश्ती

बारिश की बूंदो से बना हुआ ,
छोटा सा समुंदर ,
लहरों से भीगती छोटी सी बस्ती,
चलो ढूंढे बरसात में दोस्ती की कुछ यादें,
हाथ में लेकर एक कागज़ की कश्ती |

नैया

नैया

गुरु जब पकड़ ले हाथ ,
तो डर किस बात का ,
जो तुम्हें ज्ञान के ,
समुंदर मैं तेराएगा ,
लेकिन तुम्हारी नैया कभी अज्ञान रूपी ,
समुंदर मैं डूबने नहीं देगा |