अज्ञानता के कारण आत्मा सीमित लगती है, लेकिन जब अज्ञान का अंधेरा मिट जाता है, तब आत्मा के वास्तविक स्वरुप, का ज्ञान हो जाता है, जैसे बादलों के हट जाने पर, सूर्य दिखाई देने लगता है | Adi Shankaracharya