भगवान् की पूजा नहीं होती, बल्कि उन लोगों की पूजा होती है, जो उनके के नाम पर बोलने का दावा करते हैं, पाप पवित्रता का उल्लंघन नहीं, ऐसे लोगों की आज्ञा का उल्लंघन बन जाता है | Sarvepalli Radhakrishnan