शिव बाबा के बनने से आपके जीवन में कौन सी विशेष मदद मिली ,प्राप्ति हुई ? कौन सी बिगड़ी बात बनी ?
क्या आप जानते है की ब्रह्मा बाबा ने ब्रह्माकुमारी के सभी Centro पर बहनो (महिलाओं) को मुख्य क्यों बनाया ? ब्रह्माकुमारी में सभी सेन्टरों पर समान संख्या में भाई(पुरुष)व बहने(महिला)है। जब परमात्मा ने दादा लेखराज का आधार लेकर सृष्टि परिवर्तन चाहा। तो बाबा का नाम बदलकर फिर ब्रह्मा बाबा रखा। उस समय 1937 में समाज मे बहनो की परिस्थिति ठीक नही थी। तो बाबा ने बहनो को ही सेन्टरों का कार्यभार संभाला। क्योंकि एक महिला में ही पालना के संस्कार होते है। वो ही पालना से सब के संस्कार बदल सकती है। इसलिए सेन्टरों पर बहने ही कार्यभार संभालती है। Bk Shivani
हम सब में इतनी शक्ति और अक्ल कहाँ जो हम बाबा को पकड़ सके,बल्कि बाबा ने ही हमारा हाथ पकड़ा हुआ है |
मेने बहुत लोगो को ब्रह्माकुमारी की राह दिखाई लेकिन मुझे राह दिखाने वाले एक ही थे , खुद परमपिता निराकार शिव बाबा | ऐसा नहीं है की इससे पहले कोई राह नहीं थी,बस हम उसको पहचान नहीं पा रहे थे | Bk Shivani
आँखों से टपके आँसू जा गिरे मीठे बाबा के दरबार में जिसे देखकर मीठे बाबा बोले , ये कोन डूबा मेरे प्यार में | बाँहों में भर कर मीठे बाबा बोले,मेरे राज दुलारे सदा रहना मेरी पनाह में | और बसना मेरी निग़ाह में | Bk Shivani
सिर्फ एक बात याद रखो मै और मेरा बाबा फिर हमारी जीत निश्चित है। ... यदि हम अच्छाई पर अडिग रहे , क्योंकि अच्छाई शक्ति है और बुराई कमजोरी। ..... तभी सच्चा अकेला चलता है और झूठ को समूह की आवश्यकता पड़ती है |
जो स्वयं मीठे है दिल के सच्चे है ,उन्ही की मीठी आवाज़ बाबा तक पहुँचती है |
बाबा: बहन रोटी दे दो बाबा भूखा है, घर के अंदर से आवाज आई तेरी बहन बैंक, गई है आज तेरा जीजा भी भूखा है ।
पवित्र विचारों का प्रवाह ही , मधुर व प्रभावशाली वाणी का , मूल स्त्रोत है I Baba Ramdev
यदि बचपन व माँ की कोख की याद, हमें रहे तो , हम कभी भी माँ-बाप के , खिलाफ नहीं हो सकते I Baba Ramdev
सुख बाहरी दुनिया से नहीं, हमारे भीतर से आता है I Baba Ramdev
माता-पिता के चरणों में ही चारों धाम हैं , माता-पिता इस धरती के भगवान हैं I Baba Ramdev
विचारवान व संस्कारवान मनुष्य ही , अमीर व महान होता है , तथा विचारहीन मनुष्य कंगाल , और दरिद्र होता है I Baba Ramdev
बुढापा आयु नहीं , विचारों का परिणाम है I Baba Ramdev
विचारों की अपवित्रता ही हिंसा, अपराध, क्रूरता, शोषण, अन्याय, अधर्म और भ्रष्टाचार का कारण है I Baba Ramdev
सदविचार ही सदव्यवहार मूल है I Baba Ramdev
हमारे सुख-दुःख का कारण , दूसरे व्यक्ति या परिस्थितियाँ नहीं , अपितु हमारे अच्छे या बूरे विचार होते हैं I Baba Ramdev
प्रेम, वासना नहीं उपासना है , वासना का उत्कर्ष प्रेम की हत्या है, प्रेम समर्पण एवं विश्वास की परकाष्ठा है I Baba Ramdev
आरोग्य रहना हमारा जन्म सिद्ध अधिकार है I Baba Ramdev
जहाँ मैं और मेरा जुड़ जाता है , वहाँ ममता, प्रेम, करुणा , व समर्पण होता हैं I Baba Ramdev