कल रात ज़िंदगी मेरे सपने में आई थी और कहा कब तक चलेगा किसी और के पीछे अब खुद के पीछे चल I
सुंदर मुख अपनी मौन प्रशंसा, करवा लेता है।
उन्नत होना और आगे बढ़ना प्रत्येक, जीव का लक्ष्य है।
अर्जुन बनो केवल लक्ष्य को देखो।
मीठा व्यवहार अवश्य मिलेगा तुम, मीठे बोल तो बोलो।
ईमानदार कभी बेईमान नहीं हो, सकता यही बात बेईमान के साथ, भी लागू होती है।
ईमान स्वयं अपना, परिचय है।
ईमानदार व्यक्ति ना चाहते हुए भी, प्रसिद्ध हो जाता है।
कष्ट सहने पर ही, अनुभव बनता है।