कौन से कपडे पहनूँ ? जिससे मै अच्छा लगूँ | यह तो हम , हर रोज़ सोचते है | पर कौन सा कर्म करूँ , जिससे मै भगवान् को , अच्छा लगूँ | यह कोई कभी नहीं सोचता | Bk Shivani
शरीर में कोई सुंदरता नहीं होती है ,सुन्दर होते है तो, केवल मनुष्य के कर्म ,विचार , वाणी ,व्यवहार ,संस्कार और उसका चरित्र |
दुआ या बद्दुआ किसी के बोलने से नहीं किन्तु खुद के व्यवहार और कर्म से मिलती है इसलिए हमारा व्यवहार और कर्म सदा सुखदाई हो तो दुआए स्वत: मिलती रहेगी | Bk Shivani
आपके बोलने ,सोचने और कार्य करने से जो शक्ति, पैदा होती है,वह आपका कर्म बनाती है। Bk Shivani
अगर आप किसी पर विश्वास करते है, तो ये आपका कर्म है। यदि वो आप पर विश्वास करे या फिर आपको धोखा दे, वह आपकी किस्मत है। Bk Shivani
जहाँ देह है वहाँ कर्म तो है ही , उससे कोई मुक्त नहीं है | तथापि शरीर को प्रभुमंदिर बनाकर उसके द्वारा मुक्ति प्राप्त करनी चाहिए | Mahatma Gandhi
आज के कर्म से लिखा हुआ भाग्य बदले BK SHIVANI
यह संसार कर्मक्षेत्र है , और मानव का जन्म कर्म करने, हेतु हुआ है। Swami Paramhans
कर्म करो ,परन्तु कर्म में भक्ति का होना , अनिवार्य है। बिना भक्ति किया कर्म सार्थक नहीं हो सकता। Swami Paramhans
अप्राकृतिक कर्म बहुत , तनाव पैदा करता है I Shrimad Bhagwad Gita
'कर्म भूमि की दुनिया में श्रम सभी को करना पड़ता है , भगवान् सिर्फ लकीरें देता है रंग हमें ही भरना पड़ता है ! '