
चिंता
चप्पू : यार मेरे बाल बहुत झड़ रहे हैं।
पप्पू : क्यों?
चप्पू: चिंता से यार
पप्पू: किस बात की चिंता है यार तुझे?
चप्पू: बाल झड़ने की।

कोरोना वायरस
आज विश्व मैं जो ये कोरोना वायरस
फैला है,यह एक परिस्तिथि है,
एक बहुत पुराना समीकरण है,जिसकी
वजह से ये चिंता और डर बड़ा हुआ है,
वो है, जैसी परिस्तिथि होगी,वैसी मन की
स्तिथि होगी | लेकिन परिस्तिथि बाहर है,
मन की स्तिथि मेरी है,परिस्तिथि मन की
स्तिथि को नहीं बनाती,लेकिन मन की स्तिथि
का प्रभाव परिस्तिथि पर सौ प्रतिशत पड़ता है|
Bk Shivani

ध्यान
आप जो नहीं कर सकते
उसके बारे में चिंता करने से
अच्छा है की आप जो ,
कर सकते है ,
उस पर अपना पूरा ध्यान और,
ऊर्जा केंद्रित करे |
Bk Shivani

एक क्षण में
मनुष्य सुबह से शाम तक काम करके ,
उतना नही थकता है ,
जितना क्रोध और चिंता से एक क्षण में,
ही थक जाता है I
BK SHIVANI'