एक क्षण में

एक क्षण में

मनुष्य सुबह से शाम तक काम करके ,
उतना नही थकता है ,
जितना क्रोध और चिंता से एक क्षण में,
ही थक जाता है I

BK SHIVANI'

मनुष्य

मनुष्य

मनुष्य अपने विश्वास से ,
निर्मित होता है ,
जैसा वो विश्वास करता है ,
वैसा वो बन जाता है I
Shrimad Bhagwad Gita

मनुष्य

मनुष्य

अपने स्थान पर बने रहने से ,
ही मनुष्य पूजा जाता है।
Chanakya