घबराकर

घबराकर

निंदा से घबराकर अपने लक्ष्य को
ना छोड़े क्योकि लक्ष्य मिलते ही
निंदा करने वालो की राय
बदल जाती है |

लक्ष्य

लक्ष्य

एक लक्ष्य हमारी ,
पहुँच के अन्दर ही होता है ,
हवा में नहीं होता।
इसे प्राप्त किया जा सकता है।

Dhirubhai Ambani

तब तक नहीं रुको

तब तक नहीं रुको

उठो, जागो और तब तक नहीं रुको जब तक लक्ष्य ना प्राप्त हो जाये.