
सफलता
संगत का विशेष ध्यान रखे ,
क्योंकि सफलता हमेशा अच्छे
विचारो से आती है और
अच्छे विचार अच्छे लोगो के
संपर्क से आते है |

दिलचस्पी
जिस दिन हमारा मन परमात्मा को
याद करने और उसमे दिलचस्पी लेना
शुरूं कर देगा | उस दिन हमारी
परेशानियां हम में दिलचस्पी लेना
बंद कर देगी |

हमेशा
हमेशा दुसरो की मदद के
लिए तैयार रहिये ,
क्या पता आपकी छोटी सी
मदद से किसी की जिंदगी
संवर जाए |

उत्तराधिकारी
सम्पति के उत्तराधिकारी अनेक
लोग हो सकते है ,लेकिन
अपने कर्मो के उत्तराधिकारी
केवल हम स्वयं ही होते है |

शुक्रिया
हम शिकायत बहुत ज्यादा करते है ,
इसलिए हमे शुक्रिया करना चाहिए
शुक्रिया करने से हमारी शक्ति
बढ़ती जाती है |

खाना
हमेशा ऐसे व्यक्ति के हाथों से बना खाना खाना
चाहिए जो बिना चिंता या डर या किसी
गुस्से के खाना बनाते हो वर्ना उनके vibration
उनके विचार आपके अंदर आ जायेंगे |

बटन
में आत्मा शक्तिशाली हूँ कोई मशीन नहीं ,
जो कोई भी आये ,और बटन दबाये,
की कभी गुस्सा हो जाऊँ कभी परेशान हो जाऊं |
मन को शांत करने का एक ही तरीका है
No Reply .
मुख से भी और मन से भी |

ईश्वर
लोग कहते है की पैसा रखो,
बुरे वक़्त में काम आएगा |
में कहती हूँ ईश्वर पर यकीन रखो ,
बुरा वक़्त ही नहीं आएगा |

भावना
नेत्र केवल दृष्टि प्रदान करते है ,
हम कहाँ और क्या देखते है ,
यह हमारे मन की भावना
पर निर्भर है |

जिंदगी
जिंदगी तब बेहतर होती है ,
जब आप खुश होते है। ......
पर जिंदगी तब बेहतरीन होती है,
जब आपकी वजह से कोई और
खुश होता है |

ईर्ष्या
ईर्ष्या इंसान को ऐसा
नष्ट कर देती है जैसे कीट
कपडे को | इसलिए ईर्ष्या द्वारा
स्वयं को नष्ट न होने दे |

खुश
वह अपने अनुसार होंगे और
हम अपने,
एक दूसरे की भिन्नता को स्वीकार कर ले तो
खुश रहना सहज और स्वाभाविक
हो जायेगा |

सुंदर
मन वही सोचे जो मुझे सुख दे ,
मुख वही बोले जो दुसरो को
सम्मान दे ,हाथ वही कर्म करे,
जो सृष्टि को सुंदर बनाये |

स्वच्छ मन अभियान
स्वच्छ मन अभियान
अपनी अंदर की दुनियां को स्वच्छ रखे ,
अंदर की दुनियां से ही बाहर
की दुनिया बनती है |

ब्रह्मा बाबा ब्रह्माकुमारी
क्या आप जानते है की
ब्रह्मा बाबा ने
ब्रह्माकुमारी के सभी
Centro पर बहनो (महिलाओं)
को मुख्य क्यों बनाया ?
ब्रह्माकुमारी में सभी सेन्टरों पर समान संख्या में भाई(पुरुष)व बहने(महिला)है।
जब परमात्मा ने दादा लेखराज का आधार लेकर सृष्टि परिवर्तन चाहा।
तो बाबा का नाम बदलकर फिर ब्रह्मा बाबा रखा। उस समय 1937
में समाज मे बहनो की परिस्थिति ठीक नही थी।
तो बाबा ने बहनो को ही सेन्टरों का कार्यभार संभाला।
क्योंकि एक महिला में ही पालना के संस्कार होते है।
वो ही पालना से सब के संस्कार बदल सकती है।
इसलिए सेन्टरों पर बहने ही कार्यभार संभालती है।
Bk Shivani

ब्रह्माकुमारी
जब में मेरे माता पिता को
ब्रह्माकुमारी में आता देखती
थी तो उनका जो व्यवहार था
वो मुझे भा गया |
एक यह कारण भी था की
मेने ब्रह्माकुमारी को जानने
की जिज्ञासा जगायी और
अध्यात्म की दुनिया को पाया |
Bk Shivani

भाग्य
अगर भगवान् हमारा भाग्य
लिखते तो
वो सबसे बढ़िया भाग्य होता।
हमारा भाग्य हमारे कर्म, हमारी
मुक्त इच्छा द्वारा निर्मित होता है।
भगवान् की इच्छा से नहीं।
BK SHIVANI

सम्मान
किसी के लिए अपना सब कुछ
कुर्बान
कर देना इतना मुश्किल नहीं है…
लेकिन उस इंसान को खोज पाना
मुश्किल है जो आपकी कुर्बानी
का सम्मान करे।
BK SHIVANI

विजेता
कभी भी घमंड या अहंकार में
अपना सर
ऊँचा ना उठाएं। याद रखिये
स्वर्ण पदक
विजेता भी तभी पदक पाता है
जब वो अपना सर झुकाता है।
BK SHIVANI

खुशियाँ
अगर आप किसी की खुशियाँ
लिखने वाली
पेन्सिल नहीं हो सकते हैं तो एक
अच्छा सा
इरेजर बनिए जो उनका दुःख
मिटा सके…
BK SHIVANI

अनुभव
'साइंस और आध्यात्म दोनी एक ही ,
चीज कहते है की –
विश्वास मत करो बल्कि अनुभव करो I
BK SHIVANI '

एक क्षण में
मनुष्य सुबह से शाम तक काम करके ,
उतना नही थकता है ,
जितना क्रोध और चिंता से एक क्षण में,
ही थक जाता है I
BK SHIVANI'

सावधान
किसी को अपनी वाणी से कष्ट मत पहुचाहिये,
आप में भी गलतिया है और,
दुसरो के पास भी जुबान है तो सावधान रहिये I
BK SHIVANI

बोझ
'जो ज्यादा बोझ लेकर चलता है ,
हमेशा डूब जाता है ,
फिर चाहे वह बोझ सामान का हो ,
या अभिमान का I
BK SHIVANI
'

इन्सान
क्रोध और गुस्सा इन्सान को,
तभी आता है जब वह अपने आपको,
कमजोर और हारा हुआ मान लेता है I
BK SHIVANI