
रहमदिली
हम लोग अपनी ही जमीनों पर,
रहमदिली की कीमत चुका रहे,
हैं इन गद्ददारों को पाल कर।
Ertugrul Ghazi

लालच
ये लालच एक बार खून में,
सलाहियत कर जाए अगर,
तो समझो खुद को,
धकेल दिया अंगारों में |
Ertugrul Ghazi

ज़िंदगी
मैंने ज़िंदगी में हज़ारों,
मुश्किलें देखी हैं,
और ईमान की ताकत,
से उनका मुकाबला,
किया है।
Ertugrul Ghazi

जीवन
मूंगफली तिल और गुड लाए,
आपके जीवन में खुशियाँ,
लोहड़ी का प्रकाश कर दे,
रोशन आप के आने वाले कल को |
HAPPY LOHRI

लोहड़ी पे क्या उपहार
बोल तुम्हे लोहड़ी पे क्या उपहार दु ,
दोस्ती चाहिए या जान दे दु ,
स्कूटर, मोटर साइकिल, या कार दु ,
बस इतने से ही हो जाओ खुश ,
या दो चार और गप्पे मर दु ...
हैप्पी लोहड़ी

हैप्पी लोहड़ी
मीठे गुड में मिल गया तिल उड़ीं पतंग,
और खिल गया दिल आपके जीवन में,
आये हर दिन सुख और शांति,
विश यू हैप्पी लोहड़ी

लोहड़ी
मूंगफली, तिल और गुड लाए आपके ,
जीवन में खुशियाँ,
लोहड़ी का प्रकाश कर दे,
रोशन आप के आने वाले कल को |
HAPPY LOHRI

Happy birthday Hrithik Roshan
''Happy birthday,
Hrithik Roshan,
Ex-wife Sussanne,
Vaani, Vicky and,
others Celebs,
heartfelt wishes |
Hrithik Roshan''

डायरेक्टर
किसी डायरेक्टर को उसके,
पिछले कामों के आधार पर,
आप ज़ज नहीं कर सकते हैं,
आपको उसे उस स्क्रिप्ट के,
आधार पर ज़ज करना,
होगा जो हाथ में है।
Hrithik Roshan

बुद्धिमानी
अगर आप हार मान लेते हैं,
तो इसका मतलब है,
कि आप खुद ही अपने ही,
लिए जाल बिछा रहे हैं,
मेरे हिसाब से तो बुद्धिमानी ही,
आपकी ताकत है।
Hrithik Roshan

परिभाषा
जब भी आप सच्चाई देखना,
चाहते हो तो इसकी सबसे,
सहज परिभाषा खोजिए वही,
सच्चाई होगी।
Hrithik Roshan

चुनौतियों
अगर आपने जिंदगी में जीत करनी है,
तो आपको चुनौतियों का सामना करना ही होगा,
और चुनौतियों का सामना करने का मतलब है,
कि आपको दर्द सहना पड़ेगा।
Hrithik Roshan

प्यार
मुझे आजाद पंछी बनकर जीना पसंद है,
मैं एक आजाद इंसान हूं,
मेरी आत्मा आजाद है,
मैं यहां प्यार पाने के लिए,
प्यार देने के लिए हूं।
Hrithik Roshan

कंट्रोल
मुझे खुद को कंट्रोल करना है,
अपने दिमाग का कैप्टन बनना है,
और सबसे पहले खुद,
को समझना है।
Hrithik Roshan

सुपरहीरो
जीवन आपकी परीक्षा लेता है,
लेकिन यह तय करने के लिए,
आपको तीन सेकंड लगते हैं,
कि आप सुपरहीरो हैं,
या नहीं मैं तो हूँ।
Hrithik Roshan

साक्षात्कार
परमात्मा व्यक्ति नहीं है उसका,
साक्षात्कार नहीं हो सकता,
परमात्मा शक्ति है लेकिन शक्ति,
भी पढार्थगत नहीं है आत्म गत है,
इसलिए उसका पहला अनुभव,
स्वयं में प्रवेश पर ही होता है।
OSHO