सभी लोग महान व्यक्ति हैं हमें, केवल उनके व्यवहार पर गौर, करना है इस पर नहीं कि वे, कौन हैं या वे कहाँ से हैं, इसलिए यह मुहर्रम बाधाओं, को दूर करता है और एक, साथ ख़ुशी मुहर्रम मनाता है | HAPPY MUHARRAM
किया जलवा करबला मैं, दिखया हुसैन ने सजदे मैं, जा के सर कटाया हुसैन ने | HAPPY MUHARRAM
कत्ल-ए-हुसैन असल, में मार्ग-ए-यजीद है, इस्लाम जिन्दा होता है, हर करबला के बाद | HAPPY MUHARRAM
जब भी कभी ज़मीर, का सौदा हो, कायम रहो दोस्तों, हुसैन के इंकार की, तरह | HAPPY MUHARRAM
सजदा से करबला, को बंदगी मिल गई, सबर से उम्मत को, जिन्दगी मिल गई, एक चमन फातिमा, का गुज़रा, मगर सारे इस्लाम को, जिन्दगी मिल गई | HAPPY MUHARRAM
नज़र गम है नज़रों को बड़ी तकलीफ होती है, बगैर उनके नज़रों को बड़ी तकलीफ होती है, नबी कहते थे अकसर के अकसर जिक्र -ए-हैदर से, मेरे कुछ जान निसारों को बड़ी तकलीफ होती है | HAPPY MUHARRAM
जन्नत की आरज़ू में, कहां जा रहे हैं लोग, जन्नत तो करबला में, खरीदी हुसैन ने, दुनिया-ओ-आखरात में, जो रहना हो चैन से, जीना अली से सीखो, मरना हुसैन से | HAPPY MUHARRAM
बेशक मेरे नजदीक, मौत कामयाबी के, सिवा कुछ नहीं है, और जालिम के साथ, ज़िन्दगी गुजारना, जिल्लत के सिवा, कुछ नहीं है | HAPPY MUHARRAM
सजदा से करबला को बंदगी मिल गई, सबर से उम्मत को जिंदगी मिल गई, एक चमन फातिमा का गुज़रा, मगर सारे इस्लाम को जिंदगी मिल गई | HAPPY MUHARRAM
सिर गैर के आगे ना, झुकाने वाला और नेजे, पे भी कुरान सुनाने वाला, इस्लाम से क्या पूछते हो, कौन हुसैन है, इस्लाम को इस्लाम, बनाने वाला हुसैन है । HAPPY MUHARRAM
एक सैनिक के रूप में आपको हमेशा, तीन आदर्शों को संजोना और, उन पर जीना होगा : सच्चाई, कर्तव्य और बलिदान I Subhash Chandra Bose
आज हमारे अन्दर बस एक ही , इच्छा होनी चाहिए , मरने की इच्छा , ताकि भारत जी सके I Subhash Chandra Bose
मेरे मन में कोई संदेह नहीं है , कि हमारे देश की प्रमुख समस्याएं , गरीबी, अशिक्षा, बीमारी, कुशल उत्पादन,एवं वितरण , सिर्फ समाजवादी तरीके से , ही की जा सकती है I Subhash Chandra Bose
ये हमारा कर्तव्य है कि हम अपनी स्वतंत्रता, का मोल अपने खून से चुकाएं , हमें अपने बलिदान और परिश्रम से , जो आज़ादी मिले , हमारे अन्दर उसकी रक्षा करने की , ताकत होनी चाहिए I Subhash Chandra Bose
इतिहास में कभी भी , विचार -विमर्श से कोई , ठोस परिवर्तन नहीं , हासिल किया गया है I Subhash Chandra
एक सच्चे सैनिक को सैन्य और आध्यात्मिक दोनों ही, प्रशिक्षण की ज़रुरत होती है I Subhash Chandra Bose
याद रखिये सबसे बड़ा अपराध , अन्याय सहना और गलत के , साथ समझौता करना है I Subhash Chandra Bose
भारत में राष्ट्रवाद ने एक ऐसी , शक्ति का संचार किया है , जो लोगों के अन्दर सदियों से , निष्क्रिय पड़ी थी I Subhash Chandra Bose
राष्ट्रवाद मानव जाति के , उच्चतम आदर्शों सत्यम, शिवम्, सुन्दरम से प्रेरित है I Subhash Chandra Bose
तुम मुझे खून दो , मैं तुम्हे आज़ादी दूंगा I Subhash Chandra Bose
करीब अल्लाह के आओ तो कोई बात बने ईमान फिर से जगाओ तो कोई बात बने लहू जो बह गया कर्बला में उसके मकसद को समझो तो कोई बात बने
'न हिला पाया वो रब की मैहर को भले जीत गया वो कायर जंग पर जो मौला के दर पर बैखोफ शहीद हुआ वही था असली और सच्चा पैगम्बर'
'क्या जलवा कर्बला में दिखाया हुसैन ने सजदे में जा कर सिर कटाया हुसैन ने नेजे पे सिर था और ज़ुबान पे आयतें कुरान इस तरह सुनाया हुसैन ने।'
अपनी तक़दीर जगाते है तेरे मातम से खून की राह बिछाते हैं तेरे मातम से अपने इज़हार-ए-अक़ीदत का सिलसिला ये है हम नया साल मनाते है तेरे मातम से
कर्बला को कर्बला के शहंशाह पर नाज़ है उस नवासे पर मुहम्मद को नाज़ है यूँ तो लाखों सिर झुके सज़दे में लेकिन हुसैन ने वो सज़दा किया जिस पर खुदा को नाज़ है
एक दिन बड़े गुरुर से कहने लगी जमीन है मेरे नसीब में परचम हुसैन का फिर चाँद ने कहा मेरे सीने के दाग देख होता है आसमान पर भी मातम हुसैन का
क्या हक़ अदा करेगा ज़माना हुसैन का अब तक ज़मीन पे क़र्ज़ है सजदा हुसैन का झोली फैला कर मांग लो मोमिनो हर दुआ कबूल करेगा दिल हुसैन का
वो जिसने अपने नाना का वादा वफ़ा कर दिया,घर का घर सुपुर्द-ए-खाक कर दिया ,नोश कर लिया जिसने शहादत का जाम ,उस हुसैन इब्न अली को लाखों सलाम |
पानी की तलब हो तो एक काम किया कर,कर्बला के नाम पर एक जाम पिया कर,दी मुझको हुसैन इब्न अली ने ये नसीहत,जालिम हो मुक़ाबिल तो मेरा नाम लिया कर |