लोग क्या कहेंगे यह सोच कर जीवन जीते है | भगवान क्या कहेंगे , क्या कभी इसका विचार किया ?
भगवान कहते है जो विचार तुम्हे निराशा की तरफ ले जाए उन विचारो को मन में मत उपजने दो | अँधेरे से प्रकाश की तरफ चलने की कोशिश करो | Bk Shivani
एक सैनिक के रूप में आपको हमेशा, तीन आदर्शों को संजोना और, उन पर जीना होगा : सच्चाई, कर्तव्य और बलिदान I Subhash Chandra Bose
आज हमारे अन्दर बस एक ही , इच्छा होनी चाहिए , मरने की इच्छा , ताकि भारत जी सके I Subhash Chandra Bose
मेरे मन में कोई संदेह नहीं है , कि हमारे देश की प्रमुख समस्याएं , गरीबी, अशिक्षा, बीमारी, कुशल उत्पादन,एवं वितरण , सिर्फ समाजवादी तरीके से , ही की जा सकती है I Subhash Chandra Bose
ये हमारा कर्तव्य है कि हम अपनी स्वतंत्रता, का मोल अपने खून से चुकाएं , हमें अपने बलिदान और परिश्रम से , जो आज़ादी मिले , हमारे अन्दर उसकी रक्षा करने की , ताकत होनी चाहिए I Subhash Chandra Bose
इतिहास में कभी भी , विचार -विमर्श से कोई , ठोस परिवर्तन नहीं , हासिल किया गया है I Subhash Chandra
एक सच्चे सैनिक को सैन्य और आध्यात्मिक दोनों ही, प्रशिक्षण की ज़रुरत होती है I Subhash Chandra Bose
याद रखिये सबसे बड़ा अपराध , अन्याय सहना और गलत के , साथ समझौता करना है I Subhash Chandra Bose
भारत में राष्ट्रवाद ने एक ऐसी , शक्ति का संचार किया है , जो लोगों के अन्दर सदियों से , निष्क्रिय पड़ी थी I Subhash Chandra Bose
राष्ट्रवाद मानव जाति के , उच्चतम आदर्शों सत्यम, शिवम्, सुन्दरम से प्रेरित है I Subhash Chandra Bose
तुम मुझे खून दो , मैं तुम्हे आज़ादी दूंगा I Subhash Chandra Bose
एक राजा से उसकी प्रजा की , पहचान होती हैं I Smarat Ashoka
तीन कार्य जो हमें , स्वर्ग कि और ले जाते हैं , माता-पिता का सम्मान , सभी जीवो पर दया , और सत्य वचन I Smarat Ashoka
जानवरों और अन्य प्राणियों को , मारने वालो के लिए किसी भी धर्म में , कोई स्थान नहीं हैं I Smarat Ashoka
मेरी हद के बारे में लोग जो समझते हैं, लेकिन वो ये नहीं समझते कि , मेरी इच्छा की पूरी हद क्या हैं I Smarat Ashoka
हर व्यक्ति जो चाहे , प्राप्त कर सकता हैं , बस उसकी उचित, कीमत चुकानी होगी I Smarat Ashoka
सफल राजा वही हैं , जिसे पता हैं जनता को , किसकी जरूरत हैं I Smarat Ashoka
जितना कठिन संघर्ष करोगे , आपके जीत कि ख़ुशी , उतनी ही बढ़ जयेगी I Smarat Ashoka
हमें दूसरो के द्वारा बताये , सिद्धांत को सुनने के लिए , हमेशा तैयार रहना चाहिए I Smarat Ashoka
अपने धर्म का सम्मान और दुसरो के धर्म की , निंदा करना किसी धर्म में नहीं बताया गया हैं I Smarat Ashoka
अपने धर्म की प्रगति इसी में हैं , की हम अन्य धर्म का भी , सम्मान करे I Smarat Ashoka