मिलना तो हम तब भी चाहेंगे, तुझसे जब तेरे पास वक्त, और हमारे पास साँसों, की कमी होगी |
परवाह नहीं चाहे, जमाना कितना, भी खिलाफ हो, चलूँगा उसी राह पर जो, सीधी और साफ हो | “शुभ प्रभात”